भोपाल: मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (MP Pollution Control Board) ने बीते 6 महीने (1 अप्रैल से 30 सितंबर) तक की रिपोर्ट जारी है. इस रिपोर्ट के अनुसार राजधानी भोपाल के हमीदिया रोड (Hamidia Road, Bhopal) पर सबसे ज्यादा नॉइस पॉल्यूशन है. हमीदिया रोड पर 68 डेसिबल तक नॉइस पॉल्यूशन दर्ज किया गया है, जबकि गोविंदापुरा और बैरागढ़ में 50 से भी कम डेसिबल दर्ज हुआ है.
भोपाल के हमीदिया रोड पर इंडस्ट्रीज़ एरिया से भी ज्यादा नॉइस पॉल्यूशन है. इसके पीछे पर्यावरणविद का मानना है कि हमीदिया रोड पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है. यहां प्रतिदिन प्रति घंटा करीब 8 से 10 हजार वाहनों का अवागमन होता है साथ ही डीजे-बैंड भी यहां से गुजरते रहते हैं.
मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी की गई 6 महीने की रिपोर्ट के अनुसार हमीदिया रोड पर अप्रैल महीने में पॉल्यूशन 66 डेबिल रहा, जबकि मई-66, जून-64, जुलाई-59, अगस्त-68 और सितंबर में 67 डेसिबल. इसी तरह गोविंदापुरा में अप्रैल-58, मई-57, जून-57, जुलाई-53, अगस्त-49 और सितंबर-52 डेसिबल. बैरागढ़ में अप्रैल-66, मई-57, जून-57, जुलाई-53, अगस्त 49 और सितंबर में 52 डेसिबल प्रदूषण रहा. पर्यावरण परिसर (साइलेंट जोन) में अप्रैल-54, मई-58, जून-54, जुलाई-54, अगस्त-53 और सितंबर में 53 डेसिबल रहा.
बता दें बीते दिनों डीजे की तेज आवाज की वजह से 13 वर्षीय समर बिल्लौरे की मौत हो चुकी है. 14 अक्टूबर की शाम को समर बिल्लौरे मां दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए जा रहे समारोह में डीजे पर डांस कर रहा था. परिवार का आरोप है कि डीजे का साउंड तेज होने पर समर की तबीयत बिगड़ गई, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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