सूरत: जनभागीदारी से जल संचयन (Water Harvesting) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के महत्वाकांक्षी अभियान कैच द रैन के तहत देशव्यापी जन आंदोलन शुरू करने का बिगुल रविवार को सूरत से फूंका गया। सूरत में कर्मभूमि थी जन्मभूमि पहल के तहत गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, डॉ. मोहन यादव, भजल लाल शर्मा और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने राज्यों में जल संग्रहण बढ़ाने पर विचार विमर्श किया।
सूरत को कर्मभूमि बनाते हुए वर्षो से सूरत आकर बसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार के व्यवसायी, उद्यमी तथा समाज के अग्रणी अपने गृहनगर में जल संरक्षण गतिविधियों में शामिल होकर बोर रिचार्ज, वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहन दे और इसके लिए हमवतन लोगों को प्रेरित करे, ऐसे उम्दा उद्देश्य के साथ सूरत के अठवालाइन्स स्थित इनडोर स्टेडियम में आयोजित कर्मभूमि से जन्मभूमि कार्यक्रम में सभी ने सामूहिक रूप से मातृभूमि का ऋण चुकाने के लिए जल बचाने और इसके संग्रहण का संकल्प लिया।
समग्र राज्य में 80,000 से अधिक वर्षा जल संचयन कार्यों, रिचार्ज स्ट्रक्चर्स के लिए प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है, जबकि उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों(NGO), गुजरात सरकार ने निकट भविष्य में दो लाख से अधिक वर्षा जल संचयन संरचनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा है, जो जनभागीदारी से पूरा होने का विश्वास उन्होंने व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री, मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों, बिहार के उपमुख्यमंत्री, समाज के अग्रणीयों, व्यापारियों सहित गणमान्य लोगों ने इस अभियान को साकार करने के लिए कलश के साथ तांबे के पात्र/बर्तन में जल अर्पित किया।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मध्य प्रदेश, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और बिहार के उपमुख्यमंत्री का गुजरात की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि, जल संकट की समस्या को दूर करने और भावी पीढ़ी को हमारे प्राकृतिक संसाधन की अनमोल विरासत को देने के लिए जल संचयन अभियान महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनौतियां आने से पहले ही एक कदम आगे की सोचते हैं और उन्नत दृष्टिकोण के साथ उनके समाधान की योजना बनाते हैं। नल से जल, जल जीवन मिशन, कैच द रैन अभियान इसका बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ग्लोबल वार्मिंग के सामने पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा जल संचयन, जल संरक्षण जैसे अभियान सफल रहे हैं। भूजल के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए, नागरिकों, स्थानीय संगठनों, उद्योग की सामूहिक शक्ति ने जल संरक्षण के माध्यम से भावी पीढ़ियों को समृद्ध जल विरासत प्रदान करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, भारतीय संस्कृति में नदियों का विशेष महत्व है। नदियों का घाट कहा जाने वाला मध्य प्रदेश नदियों से समृद्ध राज्य है और नदियों के माध्यम से गुजरात सहित कई राज्यों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि, जल में ही पृथ्वी का जीवन है और जल ही जीवन है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्रीय जल मंत्री के नेतृत्व में सूरत से कर्मभूमि को जन्मभूमि से जोड़ने के लिए शुरू किया गया जल संचयन अभियान जलभंडारण को मजबूती प्रदान करेगा। मध्य प्रदेश के 3,500 गांवों के 13,500 लोग जल संग्रहण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जबकि ज्यादा से ज्यादा लोग जलाशय क्षमता बढ़ाने वाले इस अभियान में सहयोग करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में गुजरात देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन गया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि, राजस्थान पानी की समस्या से घिरा हुआ है। जो काम गुजरात से शुरू होता है वह पूरे देश में फैलता है। राजस्थान के जालौर और बाडमेर जिलों में पानी की समस्या को देखते हुए गुजरात ने नर्मदा का पानी उपलब्ध कराने का महान कार्य किया है। इस महान अभियान को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी। सूरत को कर्मभूमि बनाने वाले राजस्थान के लोगों ने जल संचयन, जनभागीदारी का एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जो सराहनीय और अनुकरणीय है। राजस्थान के गांवों में वर्षा जल संचयन से जल संग्रहण बढेगा।
बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सूरत के विकास में देश के अन्य राज्यों से आए लोगों के योगदान सराहना की। उन्होंने कहा कि, कर्मभूमि से जन्मभूमि, जल संचय अभियान संस्थानों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा देश में पानी की कमी को दूर करना। गुजरात सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल से किए गए जल संचयन कार्यों से प्रभावित होकर उन्होंने बिहार में भी जल संग्रहण के कार्य शुरू किए हैं तथा इसमें उद्यमियों को तथा लोगों को शामिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कर्मभूमि से जन्मभूमि, जल संचय अभियान देश में पानी की कमी को दूर करने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved