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    इंदौर : देव सोए, फिर भी बिना मंत्र, बगैर फेरे के कई जोड़े विवाह बंधन में बंधे

  • October 14, 2024

    रजिस्टर्ड मैरेज… विदेश यात्रा और दस्तावेजों के लिए रजिस्टर्ड हो रही शादियां, इस साल का आंकड़ा 100 के पार पहुंचा

    इंदौर। देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के बाद विधि-विधान (legislation) से होने वाले मांगलिक कार्यों (auspicious functions) व आयोजनों के साथ विवाह (Marriage) पर भी रोक लग जाती है। हिंदू संस्कृति के अनुसार इस समय में विवाह वर्जित माना गया है, लेकिन तेजी से पाश्चात्य संस्कृति की गिरफ्त में आ रहे युवा बिना मुहूर्त के रजिस्टर्ड मैरिज कर विवाह बंधन में बंध रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय की कोर्ट में 14 जोड़े अब तक विवाह बंधन में बंध चुके हैं।



    पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते हुए 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद भी 14 जोड़ों ने बिना मंत्र, बगैर फेरों के कोर्ट मैरिज कर एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाईं। सितंबर माह तक तीन महीने में एडीएम कोर्ट के माध्यम से दस्तावेजों के आधार पर इन जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। अब तक 110 से अधिक विवाह इस वर्ष पंजीकृत किए जा चुके हैं। हालांकि इनमें 39 विवाह विशेष विवाह अधिनियम के तहत कराए गए हैं, वहीं 31 विवाह, जो 2008 के पहले के हैं, उन्हें पंजीकृत किया गया और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत 40 दस्तावेजों का पंजीकरण कराया गया है। ज्ञात हो कि देवशयनी एकादशी के बाद से ही मांगलिक कार्य रुक गए थे, लेकिन उसके बावजूद प्रेम विवाह करने वाले कई जोड़े विवाह करने पहुंचे थे, जिन्हें पंडितों द्वारा भी विधि-विधान से विवाह की समझाइश नहीं दी गई। महिला बाल विकास विभाग के अनुसार जुलाई से सितंबर माह तक इंदौर में 12 बाल विवाह की शिकायतें भी सामने आई थीं, जिनमें अब भी कार्रवाई जारी है।

    विदेश जाने वाले प्रकरण ज्यादा
    माता-पिता द्वारा बच्चों के पास विदेश जाने की सूरत में भी एडीएम न्यायालय में विवाह अधिनियम के अनुसार मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया जाता है। विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है। विवाह पंजीयन अधिनियम 1955 के तहत अपर कलेक्टर न्यायालय में कराया जाता है। इनके लिए भी सबसे ज्यादा प्रकरण सामने आए हैं। अंतरजातीय विवाह पंजीयन को लेकर भी शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पाने के लिए 10 विवाह पंजीयन कराए गए हैं। एक साल के भीतर आवेदन करना अनिवार्य किया गया है, जिसके तहत विवाह रजिस्टर्ड किए गए हैं।

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