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    EVM से छेड़छाड़ के आरोपों को EC ने नकारा, कहा- मशीन की बैटरी का नतीजों से कोई संबंध नहीं

  • October 09, 2024

    नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग (Election Commission) के सूत्रों ने मंगलवार को कांग्रेस नेताओं (Congress leaders) के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने हरियाणा (Haryana) की कुछ सीटों पर ईवीएम से कथित छेड़छाड़ (Alleged tampering with EVM) की बात कही थी और दावा किया था मशीनों में बैट्री चार्ज (Battery charging in machines) की अलग-अलग स्थिति के कारण अलग-अलग नतीजे आए। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया है कि हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं तथा जिन ईवीएम की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है, लेकिन जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है। इस पर आयोग के सूत्रों ने प्रतिक्रिया दी है।


    इससे पहले पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा, ‘‘क्या आप इस षड्यंत्र को समझ गये हैं? जहां 99 प्रतिशत बैट्री होती है वहां भाजपा जीतती है और जहां 60-70 प्रतिशत बैट्री है वहां कांग्रेस जीतती है। यह षड्यंत्र नहीं है तो और क्या है।’’

    आयोग के सूत्रों ने बताया कि ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में एल्केलाइन बैटरियों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने बताया कि ईवीएम की शुरुआत के दिन उम्मीदवारों की मौजूदगी में कंट्रोल यूनिट में नई बैटरियां डाली जाती हैं और उन्हें सील कर दिया जाता है।

    सूत्रों ने बताया कि शुरू में बैटरी 7.5 से 8 वोल्ट के बीच वोल्टेज देती है। इसलिए, जब वोल्टेज 7.4 से ऊपर होता है, तो बैटरी की क्षमता 99 प्रतिशत दिखाई देती है। ईवीएम के इस्तेमाल से इसकी बैटरी की क्षमता और इसके परिणामस्वरूप वोल्टेज कम हो जाता है। सूत्रों ने बताया कि वोल्टेज 7.4 से नीचे जाने पर बैटरी की क्षमता 98 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक प्रदर्शित होती है।

    उन्होंने बताया कि कंट्रोल यूनिट तब तक काम करती है जब बैटरी में 5.8 वोल्ट से ज्यादा वोल्टेज होता है। ऐसा तब होता है जब बैटरी की क्षमता 10 प्रतिशत से ज्यादा रह जाती है और कंट्रोल यूनिट डिस्प्ले पर बैटरी बदलने की चेतावनी दिखाई देती है। यह उस संकेत के समान है जो किसी वाहन में तब प्रदर्शित होता है जब इंजन बहुत कम बचे ईंधन पर चल रहा होता है।

    सूत्रों ने बताया कि मतगणना के दिन बैटरी की शेष क्षमता कंट्रोल यूनिट पर किए गए ‘मॉक मतदान’, वास्तविक मतदान और बैटरी के प्रारंभिक वोल्टेज (8 से 7.5 वोल्ट) पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर, एल्केलाइन बैटरी में ‘स्विच ऑफ’ (बंद) रखने पर कुछ हद तक वोल्टेज पुनः प्राप्त करने का गुण होता है।

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