डेस्क: अक्टूबर यानी एक हफ्ते पहले थाईलैंड के एक शहर लैंक साक से एक बड़ी घटना की जानकारी सामने आई, जहां लैन साक शहर में बस में आग लगने से 23 बच्चों और शिक्षकों की मौत हो गई थी, जिनको एक साथ अंतिम विदाई दी गई. मंगलवार को सुबह-सुबह पीड़ित परिवार उथाई थानी के उसी स्कूल में इकट्ठा हुए, जहां वह बच्चे पढ़ते और शिक्षक काम करते थे. काले कपड़े पहने माता-पिता अपने बच्चों को ले जाने वाले ताबूतों के पास ले गए और उनके पास उनके फोटो और खिलौने रखे.
एक अक्टूबर को बैंकॉक के उत्तरी उपनगर पथुम थानी में एक राजमार्ग पर जब बस में आग लगी, तो छह शिक्षक और 39 प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूल के छात्र बस में मौजूद थे. आग ने बस को अपनी चपेट में इतनी तेजी से लिया कि सिर्फ 22 लोगों को ही बचाया जा सका. बैंकॉक में फोरेंसिक कार्य के बाद बुरी तरह से जले हुए शवों की पहचान हो गई.
इस घटना के बाद आक्रोश फैला और अधिकारियों से तुरंत कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई, जिसके बाद पुलिस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने के आरोप में बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जानकारी दी कि बस ड्राइवर उस महिला पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं जिनके नाम पर बस का रजिस्ट्रेशन था. इसके साथ ही ये भी सामने आया था कि इस घटना से महज 4 महीने पहले ही बस का निरीक्षण किया गया था.
इसके बाद परिवहन अधिकारियों की जांच की जा रही थी. घटना के मद्देनजर जांचकर्ताओं ने पाया कि बस में 11 नेचुरल गैस कनस्तर लगे थे, जबकि उसके पास सिर्फ छह कन्सतर लगाने के लिए परमिट था. अधिकारियों ने कहा कि यह बस 50 साल से ज्यादा पुरानी थी, जिसे सीएनजी पर चलाने के लिए संशोधित किया गया था, जिसका इस्तेमाल पैसे बचाने के लिए खासतौर पर किया जाता है. पुलिस का मानना है कि कनस्तरों में से एक गैस ट्यूब खुल गई थी, जिससे चिंगारी निकली और लीक हुई गैस में आग लग गई.
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