नई दिल्ली । हरियाणा में चुनावी नतीजों(election results in haryana) के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन(The ‘India’ Coalition) के दो घटक दलों कांग्रेस (Congress constituent parties)और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के बीच सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। हरियाणा में दोस्ती के लिए बातचीत और फिर अकेले लड़ने के फैसले के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस की हार की हैट्रिक के बाद ‘आप’ के नेता उसे चिढ़ाने और अपनी अहमियत बताने में जुटे हैं। 2 फीसदी से कुछ कम वोट हासिल करने वाली ‘आप’ का कहना है कि उसे साथ लिया गया होता तो आज नतीजा कुछ और होता।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी कांग्रेस पर शायराना अंदाज में तंज कसा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यदि उन्हें साथ लिया गया होता तो कुछ और बात होती। चड्ढा ने एक्स पर लिखा, ‘हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती। आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।’
राघव चड्ढा ही वह नेता हैं जो ‘आप’ की ओर गठबंधन के लिए कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी। चड्ढा ने पूरी उम्मीद जताई थी कि दोनों दल साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हरियाणा कांग्रेस की ओर से इनकार कर दिए जाने के बाद बातचीत टूट गई।
बताया जाता है कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की इच्छा जाहिर की थी। ‘आप’ भी मिलकर हरियाणा में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। बातचीत का सिलसिला शुरू भी हुआ, लेकिन एकराय नहीं बन सकी। अब नतीजे आने के बाद ‘आप’ का कहना है कि उसे नजरअंदाज किए जाने की वजह से ही कांग्रेस की हार हुई है। हरियाणा में कम से कम 4 ऐसी सीटें हैं जहां यदि ‘आप’ और कांग्रेस के वोट को जोड़ दें तो भाजपा उम्मीदवार की हार हो सकती थी।
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