भोपाल: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में शुक्रवार (4 अक्टूबर) को सुरक्षाबलों (Security Forces) और नक्सलियों (Naxalite) के बीच हुई मुठभेड़ (Encounter) के बाद से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी हाई अलर्ट (High Alert) जारी किया गया है. छत्तीसगढ़ से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों (Border Areas) में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सुरक्षाबलों को अंदेशा है कि मुठभेड़ के बाद नक्सली सुरक्षित जगह तलाशेंगे. ऐसे में मप्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी आ सकते हैं, इसी के चलते सुरक्षा हाई अलर्ट पर है.
हॉकफोर्स और पुलिस की कार्रवाई के बाद भी छत्तीसगढ़ के नक्सलियों का एमपी सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है. आदिवासी अंचल बालाघाट, डिंडौरी और मंडला में नक्सली गतिविधियां पिछले दिनों देखी गई हैं, जिससे कि अब मंडला नक्सलियों का नया गढ़ माना जा रहा है. इन इलाकों में नक्सली मूवमेंट करते हैं, जिसे देखते हुए इन इलाकों को चिन्हित कर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई है.
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, कान्हा नेशनल पार्क के आधे से ज्यादा क्षेत्र में नक्सलियों का मूवमेंट बना रहता है. कान्हा के मुक्त रेंज स्थित मालीखेड़ा गांव में नक्सली गतिविधियां बताई जाती हैं. इसी तरह भैंसागढ़ रेंज से भी नक्सली जंगल में प्रवेश करते हैं. हालांकि, अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं होती. एंटी नक्सल आईजी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद से एमपी में भी हाई अलर्ट है. सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील प्वाइंट पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. इसके अलावा, लगातार छत्तीसगढ़ पुलिस से भी संपर्क बनाए हुए हैं. हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
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