इन्दौर। कल युवक कांग्रेस (Youth Congress) ने प्रदेश (State) में बेटियों (Daughters) और महिलाओं (Women) पर हो रहे अत्याचार को लेकर मशाल रैली (Torch Rally) निकालने की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। पूरे गांधी भवन (Gandhi Bhawan) के आसपास बेरिकेड्स लगाकर पुलिस छावनी बना दिया गया और जैसे ही कांग्रेसी वहां से निकले उन्हें सीधे बस में भर दिया और जिला जेल ले गए, हालांकि गिरफ्तारी से बचने के लिए कई कांग्रेसी भाग खड़े हुए तो कई गांधी भवन में छिप गए।
प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रदेश अध्यक्ष ने एक दिन पहले से ही इंदौर में डेरा डाल लिया था। हालांकि यह प्रदर्शन प्रदेश स्तर का था, लेकिन कार्यकर्ताओं की संख्या उस हिसाब से नहीं रही। जितने कार्यकर्ता आए, उन्हें पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर गांधी भवन में ही रोक दिया था। प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष दौलत पटेल, शहर अध्यक्ष रमीज खान, चेतन चौधरी, अभिजीत पांडे सहित कई युवक कांग्रेसी मौजूद रहे। आरोप लगाया गया कि पुलिस ने गांधी भवन की लाइट कटवा दी है। अंधेरे में ही यादव ने कार्यकर्ताओं से बात की और जब वे नीचे आए तो पुलिस ने उन्हें बेरिकेड्स में ही रोक लिया। पुलिस ने गिरफ्तारी के लि दो बसें मंगवा रखी थी। जैसे ही वे नारेबाजी करते हुए बाहर निकलने लगे पुलिस ने उन्हें एक-एक कर बस में बिठाना शुरू कर दिया। हालांकि कई कांग्रेसी तो चुपचाप बस में बैठ गए, लेकिन मितेन्द्र्र वहीं लेट गए, जिन्हें टांगकर बस में बिठा दिया गया। उसी बस में सभी पदाधिकारी बैठ गए। हंगामा होता देख युवतियां और महिलाएं वहां से खिसक गईं तो कुछ कांगे्रसी अंधेरे गांधी भवन में छिप गए तो कुछ बेरिकेड्स लांघकर भाग खड़े हुए। इधर गिरफ्तारी हो रही थी और उधर कार्यवाहक अध्यक्ष स्वप्निल कांबले, गब्बू यादव, पार्षद कुणाल सोलंकी दूर खड़े रहकर तमाशा देख रहे थे। इस चक्कर में पुलिस की एक ही बस भर पाई, उसमें भी 15 से 20 नेता ही थे। दूसरी बस खाली खड़ी रही, जिसे पुलिस ने वहां से खाली ही रवाना कर दिया। बाद में पुलिस अधिकारियों ने इधर-उधर खड़े कांग्रेसियों को भगाया और गांधी भवन से बेरिकेड्स हटवा दिए। करीब दो घंटे तक सारा तमाशा चलता रहा और सडक़ बंद होने के कारण आम लोग परेशान होते रहे।
महिला नेत्रियां नाबालिग बच्चों को ले आईं
कुछ महिला नेत्रियां घरेलू महिलाओं को ही लेकर गांधी भवन पहुंच गई। महिलाओं के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे थे। इस मामले में जब डीसीपी ऋषिकेश मीणा से पूछा कि प्रदर्शन में नाबालिगों को लाया गया, क्या इस पर कार्रवाई होगी? तो उन्होंने कहा कि फुटेज देखकर मंै पता करता हूं।
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