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    उड़ान पर फिर उठेगा तूफान

  • October 03, 2024

    • वायु सेवा संघर्ष समिति ने भरी हुंकार, जनप्रतिनिधियों से करेंगे सीधा संवाद

    जबलपुर। वायु सेवा संघर्ष समिति ने एक बार फिर से ऐलान किया है कि जब तक जबलपुर के आसमान को उसके हिस्से की सभी फ्लाइट्स नहीं मिल जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। समिति का कहना है कि जबलपुर से पुणे के साथ ही चेन्नई, अहमदाबाद और कोलकाता शहर के लिए सीधी वायु सेवा अनिवार्य रूप से जरुरी है। समिति सदस्यों का कहना है कि जबलपुर से जब तक पूर्व की भांति सभी उड़ानें चालू नहीं हो जाती है तब तक संघर्ष जारी रहेगा।


    शहर की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं
    समिति की समीक्षा बैठक में तय हुआ कि किया है कि शहर की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में समिति संयोजक हिमांशु खरे ने बताया कि वायु सेवा संघर्ष समिति के संघर्ष के चलते जबलपुर से मुंबई, हैदराबाद व बेंगलुरू की उड़ानें प्रारँभ हो गई हैं परंतु पुणे और चेन्नई के साथ ही अन्य शहरों से एयर कनेक्विटी होना अभी बाकी है।

    जनप्रतिनिधियों से करेंगे संवाद
    समिति के बलदीप मैनी, मनु शरत तिवारी, प्रीति चौधरी ने बताया कि विभिन्न स्तरों पर केंद्रीय नागरिक उडडयन मंत्री व राज्यमंत्री को जबलपुर की वायु सेवाओं की स्थिति से अवगत कराया जाएगा और सीधी वायु सेवा चालू करने माँग की जाएगी।

    आईटी कम्पनियां कर रही पलायन
    आईटी सेक्टर समिति के हिमांशु राय, सोहन परोहा, तन्मय चौधरी, सौरभ बेदी, प्रदीप बिस्वारी ने बताया कि जबलपुर में बड़ी आईटी कंपनियाँ निवेश के लिए तैयार है, लेकिन पुणे, चेन्नई से सीधी वायु सेवा नहीं होने से वह यहाँ आने से कतरा रही है।बैठक में बसंत मिश्रा, इंद्र कुमार खन्ना, प्रकाश राजपूत, राकेश गिद्रोनिया सहित अन्य समिति सदस्य उपस्थित रहे है।

    हम नहीं कह सकते कि कम्पनियां फ्लाइट्स शुरू करें

    जबलपुर। मप्रहाई कोर्ट में जनहित याचिका के जरिए एयर कनेक्टिविटी के मामले में जबलपुर से भेदभाव का आरोप लगाया गया है। इस मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश कर दिया है। अथॉरिटी ने कहा है िक जबलपुर से अन्य मेट्रो शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू करने विमान कंपनियों को निर्देश नहीं दे सकते। ऐसा करना अथॉरिटी के क्षेत्राधिकार में नहीं है। दरअसल, यह व्यापारिक निर्णय है जो निजी विमानन कंपनियाँ ही ले सकती हैं। इस जवाब पर चार अक्टूबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि पूर्व में जबलपुर से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थीं। जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर और भोपाल के समान थी। पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थी। वर्तमान में घटकर इनकी संख्या पाँच हो गई है। इससे जबलपुर का विकास अवरुद्ध हो रहा है। जनहित याचिका में केंद्रीय उड्डयन विभाग, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अनावेदक बनाया गया था। बाद में कोर्ट के निर्देश पर इंडियन एयरलाइंस, इंडिगो एयरलाइंस, अकासा एयर लाइंस सहित चार विमानन कंपनियों को नोटिस जारी किए गए थे।

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