नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) विधानसभा चुनाव (Assembly Rlections) की सियासी बाजी जीतने के लिए कांग्रेस (Congress) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कुरुक्षेत्र से विजय संकल्प यात्रा (Vijay Sankalp Yatra) का आगाज किया था और आज गुरुवार को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मजबूत दुर्ग माने जाने वाले दक्षिण हरियाणा के रण में उतर रहे हैं. राहुल गांधी गुरुवार को नूंह रैली के जरिए मुस्लिम बहुल मेवात को साधने का दांव चलेंगे तो महेंद्रगढ़ में जनसभा करके अहिरवाल बेल्ट के सियासी समीकरण को दुरुस्त करने की रणनीति है. इस तरह कांग्रेस ने दक्षिण हरियाणा में एम-वाई (यादव-मुस्लिम) वोटबैंक पर फोकस किया है.
राहुल गांधी आज अपनी पहली जनसभा नूंह की नई अनाज मंडी में करेंगे, जिसके जरिए मेवात बेल्ट की सीटों को साधने की रणनीति है. मेवात क्षेत्र में नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना और हथीन सीटें आती हैं. नूंह से आफताब अहमद, फिरोजपुर झिरका से मामन खान, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास और हथीन से मोहम्मद इसराइल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा मेवात की सोहना सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रोहताश खटाना चुनाव लड़ रहे हैं. राहुल नूंह रैली के जरिए इन पांचों विधानसभा सीटों के साथ गुरुग्राम की दूसरी विधानसभा सीटों को भी साधने की कवायद करते नजर आएंगे.
नूंह के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की जनसभा महेंद्रगढ़ में रखी गई है, जिसके जरिए वह अहिरवाल बेल्ट की सीटों को साधने की कवायद करते नजर आएंगे. राहुल गांधी महेंद्रगढ़, अटेली और नारनौल विधानसभा क्षेत्र की संयुक्त रैली संबोधित करेंगे. कांग्रेस के टिकट पर महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, नारनौल से राव नरेंद्र सिंह, नांगल सीट मंजू चौधरी और अटेली से अनीता यादव चुनाव लड़ रही हैं, जिनके पक्ष में माहौल बनाने के लिए ही राहुल गांधी उतरेंगे. इस तरह राहुल आखिरी दिन दक्षिण हरियाणा के अहिरवाल बेल्ट को साधने का दांव चलेंगे.
दक्षिण हरियाणा का बेल्ट बीजेपी का मजबूत दुर्ग माना जाता है. इस इलाके में गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल और फरीदाबाद जिले आते हैं. इस इलाके में 23 विधानसभा सीटें आती हैं. 2019 के चुनाव में दक्षिण हरियणा की 23 सीटों में से बीजेपी को 15, कांग्रेस को 6 और अन्य को दो सीटें मिली थीं. जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो बीजेपी ने 14 सीटें जीती तो कांग्रेस को 4 सीटें मिली थीं. इसके अलावा चार इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी.
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन दक्षिण हरियाणा में प्रदेश के दूसरे इलाकों से बेहतर रहा था. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की जिन पांच सीटों पर जीत हासिल की, उसमें दक्षिण हरियाणा की तीन सीटें गुरुग्राम, भिवानी-महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद शामिल हैं. दक्षिण हरियाणा में कांग्रेस एक भी लोकसभा सीट पिछले तीन चुनाव से नहीं जीत सकी है. दक्षिण हरियाणा के इलाके में बीजेपी की सियासी जड़ें काफी मजबूत हैं, जिसे भेदने के लिए ही राहुल गांधी हरियाणा के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन इस बेल्ट में उतर रहे हैं. राहुल नूंह से सिर्फ मेवात नहीं बल्कि पूरे दक्षिणी हरियाणा को साधने की कोशिश करेंगे. उनकी यह दक्षिणी हरियाणा में पहली रैली होगी. इस रैली में भीड़ जुटाने के लिए कांग्रेस भी अपना पूरा जोर लगा रही है.
दक्षिण हरियाणा बेल्ट के सियासी समीकरण को देखें तो एम-वाई (मुस्लिम-यादव) वोटबैंक काफी अहम है. इसीलिए दक्षिण हरियाणा को अहिरवाल बेल्ट भी कहा जाता है, जिसमें रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में अहम भूमिका है. इसके अलावा नूंह में मुस्लिम वोटर निर्णायक हैं. पलवल और फरीदाबाद में गुर्जर वोट बड़ी संख्या में है. नूंह में मुस्लिम वोटबैंक होने के नाते कांग्रेस मजबूत स्थिति में है, लेकिन यादव और गुर्जर बेल्ट में चुनौती है. इसीलिए राहुल दक्षिण हरियाणा के रण में उतरकर एम-वाई समीकरण को साधकर कांग्रेस की सियासी नैया पार लगाना चाहते हैं.
हरियाणा में यादव मतदाता करीब 7 फीसदी है तो गुर्जर भी 5 फीसदी के करीब हैं. मुस्लिम वोटर भी 7 फीसदी से थोड़ा ज्यादा हैं. लेकिन यह तीनों ही समुदाय के वोटबैंक दक्षिण हरियाणा में काफी ज्यादा हैं. नूंह जिले की तीनों सीटें और गुरुग्राम की सोहना और पलवल की हथीन सीट पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है. इन पांच सीटों पर मुस्लिम मतदाता 50 फीसदी से ज्यादा हैं. इसी तरह महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी की विधानसभा सीटों पर यादव वोटर अहम भूमिका में हैं. गुरुगाम और पलवल में गुर्जर वोटर जीत और हार का फैसला तय करते हैं.
कांग्रेस की हरियाणा की सत्ता में वापसी का पूरा दारोमदार जीटी बेल्ट और दक्षिण हरियाणा के इलाके की सीटों पर टिका है. जाटलैंड और पश्चिम हरियाणा इलाके में कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत मानकर चल रही है. 2019 में भी कांग्रेस का पलड़ा इन दोनों ही इलाकों में भारी था. ऐसे में कांग्रेस की उम्मीदें बीजेपी के मजबूत दुर्ग माने जाने वाले दक्षिण हरियाणा और जीटी रोड बेल्ट पर है. कांग्रेस की नजर जीटी रोड बेल्ट की 23 सीटों और दक्षिण हरियाणा की 23 सीटों पर है. इन दोनों इलाके में कांग्रेस को 2019 में 46 में से सिर्फ 12 सीटों पर जीत मिली थी.
जीटी रोड इलाके की अहमियत समझते हुए खुद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने रोड शो करते हुए यहां की 12 सीटों को कवर किया. इस दौरान पूरे रास्ते भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा को राहुल ने अपने साथ रखा. इसके बाद राहुल गांधी दक्षिण हरियाणा की 23 सीटों को साधने के लिए उतर रहे हैं, जिसके जरिए मुस्लिम बहुल क्षेत्र मेवात और यादव बहुल अहिरवाल बेल्ट की सीटों पर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की रणनीति है. देखना है कि राहुल गांधी और कांग्रेस की बीजेपी के मजबूत दुर्ग को भेदने वाली रणनीति कितनी कारगर साबित होती है?
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