नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी रणनीतिकार (Election Strategist) योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने बता दिया है कि हरियाणा में चुनाव के क्या परिणाम होने वाले हैं. उनका कहना है कि विधानसभा (Assembly) चुनाव के तीन संभावित परिणाम हो सकते हैं. पहला ये कि भाजपा (BJP) के खिलाफ हवा चलेगी और कांग्रेस (Congress) को बहुमत मिलेगा. दूसरा ये कि हवा चुनावी आंधी की शक्ल लेगी और कांग्रेस को भारी बहुमत मिलेगा और तीसरा ये के कांग्रेस के पक्ष में सुनामी आ जाए और भाजपा सहित बाकी दल इनी-गिनी सीटों पर ही सिमट जाएं.
योगेंद्र यादव का कहना है कि चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है इसमें कोई संदेह नहीं है. बीते चुनावों के जैसे इस बार इनेलो, जजपा, बसपा या AAP की बड़ी भूमिका नहीं रहेगी. ये सभी जानते हैं कि इस सीधे मुकाबले में कांग्रेस को बढ़त मिल रही है. यादव बोले, “तीनों संभावनाओं में सरकार कांग्रेस की ही बनती दिखाई देती है. हरियाणा का विधानसभा चुनाव उन चुनावों की श्रेणी में आता है, जिनका फैसला चुनाव की घोषणा होने से पहले ही हो चुका होता है.
चुनावी रणनीतिकार का कहना है कि किस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में क्या कहा और चुनाव प्रचार में क्या रणनीति अपनाई, इससे सीटों की संख्या कुछ ऊपर नीचे हो सकती है, लेकिन इससे चुनाव का रिजल्ट पलटने की संभावना बहुत कम दिखती है. जनता का मोह भाजपा की दूसरी सरकार बनते ही भंग हो गया था. भाजपा के विरोध में वोट मांगने वाली जेजेपी जब भाजपा में शामिल हुई तभी जनता के मन में खटास पैदा हो गई थी. इतनी ही नहीं योगेंद्र यादव ने ये भी कहा कि सत्ता और समाज के बीच का धागा किसान आंदोलन के समय टूट गया था.
योगेंद्र यादव बोले, “भाजपा ने अपनी कमजोरी देखते हुए टिकट बंटवारे में सख्ती से काम लिया, लेकिन उससे पार्टी में बिखराव बढ़ा. कांग्रेस के टिकट बंटवारे में भी खूब खींचतान हुई. कांग्रेस में खूब गुटबाजी देखने को मिली, लेकिन जनता को इसका कोई फर्क नहीं पड़ा. जनता को बीच भाजपा का मेनिफेस्टो की ज्यादा चर्चा नहीं है.” आखिरी में बीजेपी के पास हिंदू-मुसलमान या फिर पैंतीस-एक (यानी जाट और गैर जाट का जातीय ध्रुवीकरण) की चाल बची है. इसका फायदा भाजपा को हो सकता है, लेकिन इससे पूरे प्रदेश के फैसले में कोई असर नहीं पड़ेगा.
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