नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अमेरिका (America) में भारत (India) के लिए किए गए एक सवाल पर दो टूक जवाब (Straight Answer) दिया. जब उनसे भारत में लोकतंत्र (Democracy) के बारे में टिप्पणी करने वाले अमेरिकी राजनीतिक नेताओं (Political Leaders) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कमेंट करने का पूरा अधिकार है लेकिन मुझे भी आपके कमेंट पर कमेंट करने का पूरा अधिकार है. अगर मैं ऐसा करूं तो बुरा मत मानना.
विदेश मंत्री एक जयशंकर ने अमेरिका के टॉप थिंक टैंक ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में किए गए सवाल के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा कि एक तो सच्चाई है और दूसरा सच्चाई से निपटना है. सच्चाई यह है कि दुनिया बहुत ग्लोबलाइज्ड है. यह जरूरी नहीं है कि राजनीति देश की राष्ट्रीय सीमाओं के अंदर ही रहे. संयुक्त राज्य अमेरिका यह आश्वस्त करने के लिए खास कोशिश करता है कि ऐसा न हो.
उन्होंने आगे कहा कि यह इस बात का एक हिस्सा है कि अमेरिका ने सालों से अपनी विदेश नीति को कैसे ओपरेट किया यानी चालाया है. कुछ खिलाड़ी वह न केवल अपने देश की राजनीति को आकार देना चाहते हैं, बल्कि विश्व स्तर पर ऐसा करने का प्रयास करते हैं. आप लोगों के बारे में रिपोर्ट लिखते हैं और देशों पर प्रकाश डालते हैं. लोकतंत्रों का एक जैसा सम्मान किया जाना चाहिए, ऐसा नहीं हो सकता कि एक देश के लोकतंत्र को टिप्पणी करने का अधिकार हो और यह विश्व स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने का एक हिस्सा है लेकिन जब और लोग ऐसा करते हैं तो यह विदेशी हस्तक्षेप बन जाता है.
इसके साथ ही एक जयशंकर ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि विदेशी हस्तक्षेप, विदेशी हस्तक्षेप है, चाहे यह कोई भी करे और जहां भी किया जाए यह एक परीक्षण क्षेत्र है और मेरा अपना मानना यह है कि आप ऐसा करते हैं. आपको टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है लेकिन मुझे भी आपकी टिप्पणी पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है, तो इसलिए जब मैं ऐसा करूं तो बुरा मत मानना”.
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