नई दिल्ली. रेप और हत्या केस में सजा काट रहा गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) बुधवार को एक बार फिर पैरोल (Parole) पर जेल (jail) से बाहर आ गया ( came out) है. भारी पुलिस सुरक्षा (Police Protection) के बीच वह हरियाणा (Haryana) की जेल से यूपी (UP) के बरनावा आश्रम के लिए निकला. बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव (elections) से ठीक पहले राम रहीम के पैरोल को मंजूरी दी गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को गुरमीत राम रहीम की 20 दिन की पैरोल अर्जी को मंजूरी दी थी. चुनाव आयोग ने राम रहीम के सामने तीन शर्तें भी रखी हैं.
क्या हैं वो तीन शर्तें…
चुनाव आयोग की शर्तों पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को पैरोल मिली है. शर्तों के अनुसार, गुरमीत जेल से बाहर आने के बाद हरियाणा में नहीं रहेगा. वो किसी राजनीतिक गतिविधि का भी हिस्सा नहीं बनेगा. सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं कर सकेगा. गुरमीत ने 20 दिन की इमरजेंसी पैरोल मांगी थी. गुरमीत ने जेल विभाग को दिए आवेदन में कहा था कि वो यूपी के बरनावा आश्रम में रहेगा.
4 साल में 11 बार मिली पैरोल
बता दें कि राम रहीम को 4 साल में 11 बार पैरोल या फरलो मिली है. दिलचस्प बात यह है कि इनमें 8 बार ठीक चुनाव से पहले रियायत दी गई है.गुरमीत रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है. उसने 2 सितंबर को 21 दिन की फरलो काटकर जेल में सरेंडर किया था.
गुरमीत को कब-कब मिली पैरोल या फरलो?
24 अक्टूबर 2020: एक दिन की पैरोल मिली. अस्पताल में भर्ती मां से मिलने गया.
21 मई 2021: 12 घंटे की पैरोल दी गई. मां से मिलने के लिए दूसरी बार अस्पताल गया.
7 फरवरी 2022: 21 दिन की फरलो मिली. इस बार परिवार से मिलने के लिए गया.
17 जून 2022: 30 दिन की पैरोल मिली. यूपी के बागपत आश्रम भेजा गया.
14 अक्टूबर 2022: 40 दिन की लिए पैरोल मिली. वो बागपत आश्रम में रहा और इस दौरान म्यूजिक वीडियो भी जारी किए.
21 जनवरी 2023: 40 दिन की पैरोल मिली. वो शाह सतनाम सिंह की जयंती में शामिल होने के जेल से बाहर आया.
20 जुलाई 2023: 30 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया. बागपत के बरनावा आश्रम में रहा.
21 नवंबर 2023: 21 दिन की फरलो मिली और बरनावा आश्रम में रहा.
19 जनवरी 2024: 50 दिनों के लिए पैरोल पर जेल से बाहर आया. ये वो समय था, जब लोकसभा चुनाव करीब आ गए थे.
13 अगस्त 2024: 21 दिन की फरलो को हाईकोर्ट ने मंजूरी दी. हरियाणा में विधानसभा चुनाव और यूपी में उपचुनाव नजदीक हैं.
क्यों सजा काट रहा है गुरमीत?
गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी दो शिष्याओं से रेप के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है और हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है. उसे 2017 में सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा, डेरा प्रमुख गुरमीत और तीन अन्य को 16 साल पुराने पत्रकार हत्याकांड में 2019 में दोषी ठहराया गया था.
क्या होती है पैरोल?
अब बात करते हैं पैरोल की. दरअसल, पैरोल भी फरलो की तरह ही एक छुट्टी है, जिसमें किसी विशेष कारण से कैदी को जेल से बाहर आने की इजाजत दी जाती है. ये अंडरट्रायल कैदियों की स्थिति में भी मिल जाती है. इसमें कैदी को एक खास कारण बताना होता है कि आपको बाहर क्यों जाना है. जैसे कैदियों को परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने या मेडिकल कारणों को लेकर ये छूट दी जाती है, जिसे पैरोल कहते हैं.
पैरोल भी दो तरह की होती है, जिसमें एक कस्टडी पैरोल है और रेगुलर पैरोल. कस्टली पैरोल में कुछ विशेष परिस्थितियों में जेल से बाहर आने की इजाजत मिलती है, लेकिन वो पुलिस कस्टडी में ही रहता है. जैसे किसी से मिलने की इजाजत मिली है तो कैदी बाहर तो आ सकता है, लेकिन पुलिस साथ रहती है और उससे मिलाकर फिर पुलिस जेल में ले जाती है.
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