नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार (Central Government) में मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बड़ा राजनीतिक बयान (Political Statements) दिया है। चिराग पासवान ने कहा है कि वह अपने पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की मिसाल को ध्यान में रखते हुए अपने सिद्धांतों से समझौता (Compromise on Principles) नहीं करेंगे। चिराग ने कहा कि वह इसके बजाय मंत्री पद छोड़ना पसंद करेंगे। अब चिराग पासवान के इस बयान के बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को एक समारोह में ये बयान दिया है। हालांकि, चिराग ने ये भी कहा कि जब तक नरेन्द्र मोदी मेरे प्रधानमंत्री हैं, तब तक हम एनडीए में रहेंगे। ‘मैं अपने पिता की तरह मंत्री पद छोड़ने में संकोच नहीं करूंगा’ वाले बयान के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA की बात कर रहे थे।
चिराग पासवान ने अपने बयान को लेकर सफाई देते हुए कहा कि “मेरे पिता भी UPA सरकार में मंत्री थे। और उस समय बहुत सी ऐसी चीजें हुईं जो दलितों के हितों में नहीं थी। यहां तक कि बाबा साहब आंबेडकर की तस्वीरें भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं लगाई जाती थीं। इसलिए हमने अपने रास्ते अलग कर लिए।” इस दौरान चिराग ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार दलितों के बारे में उनकी चिंताओं के प्रति संवेदनशील है।
चिराग पासवान भाजपा की सहयोगी लोजपा रामविलास पार्टी के प्रमुख और हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। मोदी सरकार की कैबिनेट में चिराग को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का पद दिया गया है। लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटें जीती थीं। चिराग कई मौकों पर खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते रहे हैं।
सूत्रों का मानना है कि चिराग पासवान अपना जनाधार मजबूत करने और भाजपा की छाया से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि चिराग भाजपा नेतृत्व को ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ भाजपा नेतृत्व की नजदीकियों से खुश नहीं हैं।
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