उज्जैन। प्रदेश सरकार ने हाल ही में महिला शिक्षकों को आवासीय फ्लैट देने की घोषणा की है। उज्जैन में इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। शिक्षा विभाग अब ऐसी महिला शिक्षकों की सूची बना रहा हैं, जो शहर से दूर गाँव में पढ़ाने जाती हैं। इसके बाद विकासखंड व पंचायत स्तर पर जमीन तलाशने का काम शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में स्कूली शिक्षा विभाग में लगभग एक लाख 25 हजार से अधिक महिला शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर शिक्षिकाएँ शहरी क्षेत्रों में पदस्थ हैं और दूरस्थ क्षेत्रों में नहीं जाना चाहती हैं। इसके पीछे सुरक्षा, आवागमन के साधन और बच्चों की पढ़ाई का तर्क रहता है। सरकार ने इस समस्या का हल निकालने की कोशिश की है। इसके लिए महिला शिक्षकों के लिए आवास निर्माण योजना लाई जा रही है। इसमें विभाग विकासखंड, नगर पंचायत, नगर पालिका मुख्यालय स्तर पर बहुमंजिला भवन बनाएगा, जिसमें 100 फ्लेट होंगे। जो पदस्थी के दौरान महिला शिक्षिका को आवंटित किए जाएँगे। ताकि महिला शिक्षक दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में पदस्थापना से इंकार न कर सकें। बता दें कि योजना में आवासों का निर्माण बहुमंजिला फ्लैट के रूप में होना प्रस्तावित हैं। जिसके लिए 3 से 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। वहीं आवासीय परिसर के निर्माण हेतु भूमि ऐसे स्थान पर चयनित किया जाना प्रस्तावित है, जहाँ से सार्वजनिक आवागमन सुलभ हो। मामले में जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी गिरीश तिवारी ने बताया कि इस योजना को लेकर उन महिला शिक्षकों की सूची बनाई जा रही है जो गाँव में पढऩे जाती है। साथ ही उन महिला शिक्षकों की भी सूची बनाई जा रही है जो इस सुविधा का लाभ लेना चाहती है। इसके बाद ही आवश्यकता अनुसार विकासखंड और पंचायत स्तर पर फ्लैट निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
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