पटना । प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कहा कि बिहार में 2 अक्टूबर को (In Bihar on October 2) एक नया राजनीतिक दल उभरेगा (A New Political Party will Emerge) । प्रशांत किशोर, जिन्हें ‘जन सुराज’ यात्रा का सूत्रधार कहा जा रहा है, ने बिहार के गांव-गांव में अपने अभियान को विस्तार देते हुए तीन महत्वपूर्ण उद्देश्यों को सामने रखा है : बच्चों के भविष्य का सुधार, रोजगार के अवसर और बिहार के विकास का ब्लू प्रिंट ।
बच्चों के भविष्य का सुधार : यात्रा का पहला उद्देश्य बिहार के गांवों में जाकर लोगों को यह समझाना है कि वे अपने बच्चों की ज़िंदगी को कैसे बेहतर बना सकते हैं। यह पहल शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए है।
रोजगार के अवसर : प्रत्येक पंचायत में 800 से 1200 रोजगार के अवसर कैसे सृजित किए जा सकते हैं, इस पर भी जन सुराज अभियान के अंतर्गत विचार किया जा रहा है। इस प्रयास का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना है ताकि पलायन की समस्या को रोका जा सके।
बिहार के विकास का ब्लू प्रिंट : अगले 10 वर्षों में बिहार को देश की अग्रिम पंक्ति में लाने का एक ठोस खाका तैयार किया जा रहा है। प्रशांत किशोर का दावा है कि यह ब्लू प्रिंट बिहार के समग्र विकास और प्रगति का आधार बनेगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने अभी तक 60% बिहार का दौरा किया है, और 2 अक्टूबर को एक नया राजनीतिक दल बिहार में उभरने वाला है। उसी दिन इस दल के नाम और नेतृत्वकर्ता की भी घोषणा होगी। हालांकि प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वह खुद नेता नहीं बनेंगे और न ही अध्यक्ष पद पर रहेंगे, लेकिन बिहार के विकास के मॉडल को फरवरी या मार्च के पहले हफ्ते में पटना के गांधी मैदान में जनता के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी से जिसे भी टिकट दिया जाएगा, उसे एफिडेविट साइन करना होगा। अगर उस उम्मीदवार के खिलाफ उनके क्षेत्र की जनता एक तिहाई बहुमत से असंतोष व्यक्त करती है, तो उस उम्मीदवार को इस्तीफा देना होगा।
प्रशांत किशोर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने काबिल नेताओं को नज़रअंदाज़ कर नीतीश कुमार के “झोला ढोने वाले” को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। उनकी यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से भाजपा नेतृत्व की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाती है। प्रशांत किशोर का यह जन सुराज अभियान बिहार में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद को बढ़ा रहा है, जिसमें ग्रामीण स्तर पर विकास और रोजगार की दिशा में बड़े कदम उठाने की बात की जा रही है।
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