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    एक और उपलब्धि की तरफ बढ़ रहा भारत, 3 साल में चौथे पायदान पर होगा अपना देश

  • September 30, 2024

    नई दिल्ली: उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ ने सोमवार को कहा कि भारत का सतत उपभोक्ता सामान बाजार वित्त वर्ष 2029-30 तक पांच लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा और 2027 तक यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सतत वस्तुओं पर भारतीय उद्योग परिसंघ की राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन बी. त्यागराजन ने कहा कि देश के उत्पाद वैश्विक विश्वसनीयता की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन एक मजबूत परिवेश का निर्माण करना, क्षेत्र में मानकीकरण को अपनाना और वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों को पहुंचाना भी जरूरी है.

    ‘सीआईआई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड ड्यूरेबल्स समिट’ 2024 में त्यागराजन ने कहा कि अगले दशक में इस क्षेत्र में मूल्य शृंखला में कई अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है. त्यागराजन ब्लू स्टार लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक भी हैं. उन्होंने कहा, ‘तैयार माल के साथ-साथ स्वदेशी घटक परिवेश के विकास से लेकर घरेलू स्तर पर सही तरीके से ध्यान देने तक, भारत के वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने की संभावनाएं काफी प्रबल हैं.’


    त्यागराजन ने कहा, ‘भारत पहले से ही दुनिया में उपभोक्ता सतत वस्तुओं के लिए सबसे तेजी से बढ़ता प्रमुख बाजार है और 2027 तक इसके चौथा सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2029-30 तक बाजार का अनुमानित आकार पांच लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है.’ उन्होंने प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और भारत को आत्मनिर्भर तथा प्रौद्योगिकी रूप से उन्नत वैश्विक खिलाड़ी बनाने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना सहित विभिन्न पहलों के जरिये इस क्षेत्र को सरकार से मिल रहे समर्थन की सराहना भी की.

    त्यागराजन ने कहा कि हम जो गति देख रहे हैं, वह स्पष्ट संकेत है कि भारत वैश्विक विनिर्माण मंच के एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है. हम देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत योगदान करने के विनिर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और 8.5 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन के साथ प्रगति निर्विवाद है. मिसाल के तौर पर एयर कंडीशनिंग क्षेत्र के 2040 तक दुनिया में सबसे बड़ा बनने की उम्मीद है.

    गुणवत्ता के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि भारतीय उत्पाद वैश्विक विश्वसनीयता की ओर बढ़ रहे हैं. गुणवत्ता परिवेश को मजबूत करने से उत्पादों में उपभोक्ता का विश्वास बढ़ता है, इसलिए एक मजबूत गुणवत्ता परिवेश का निर्माण करना और क्षेत्र में मानकीकरण को अपनाना तथा प्रधानमंत्री तथा भारत सरकार की परिकल्पना के तहत वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों का पहुंचाना भी अनिवार्य है. वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों को अपनाकर और बढ़ावा देकर हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे उत्पाद दुनिया भर के उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं पर खरे उतरें.

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