लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में संपत्ति का ब्यौरा (Property Details) देने के लिए सरकारी (Goverment) अधिकारियों और कर्मचारियों (Officers and Employees) को आज आखिरी मौका है. करीब 52 हजार कर्मचारियों में से जो भी कर्मचारी आज शाम तीन बजे तक ब्यौरा नहीं देंगे, उनकी सैलरी होल्ड (Salary Hold) हो जाएगी. इससे पहले यह डेड लाइन 31 अगस्त थी. उस समय तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले इन कर्मचारियों की संपत्ति होल्ड हो भी गई थी. हालांकि बाद में कर्मचारी संगठनों और विभागाध्यक्षों की अपील के बाद कड़ी चेतावनी के साथ सैलरी जारी हो गई.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इसी साल जुलाई महीने में एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में उन्होंने राज्य के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा 31 अगस्त तक पोर्टल पर अपडेट करने को कहा था. उन्होंने उसी समय चेतावनी भी दी थी कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे, उनकी सैलरी रोक दी जाएगी. इस आदेश के बावजूद 31 अगस्त तक बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया.
मुख्य सचिव के आदेश के तहत कोषागार विभाग ने विभिन्न विभागों की रिपोर्ट को देखते हुए संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी एक सितंबर को रिलीज नहीं किया. इसको लेकर पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया. इनमें सबसे ज्यादा पुलिस और राजस्व विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की थी. उस समय तर्क दिया किया गया पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आपदा राहत कार्य तथा चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहे थे.
इसलिए उन्हें संपत्ति का ब्यौरा कलेक्ट करने और वेबसाइट पर अपलोड करने का समय नहीं मिला. इसी प्रकार अन्य विभागों की ओर से भी इस तरह का आग्रह करते हुए एक महीने की मोहलत मांगी गई. हालात को देखते हुए मुख्य सचिव ने 30 सितंबर अंतिम तारीख तय करते हुए साफ कर दिया था कि अब इसके बाद किसी को कोई रियायत नहीं मिलने वाली. कोषागार विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ए क्लास और बी क्लास के 7 हज़ार से अधिक अधिकारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. इसी प्रकार सी क्लास के 33 हजार और डी क्लास के भी लगभग इतने ही कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है.
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