नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) के रंगपुरी इलाके (Rangpuri area) में एक ही परिवार के 5 लोगों का शव (Body) मिलने के मामले में नई कहानी सामने आई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हीरालाल और उसकी चार बेटियों के शवों पर कई बार कलावा बंधा हुआ था। साथ ही घर से पूजन सामग्री भी बरामद हुई है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यहां पर किसी तांत्रिक क्रिया को भी अंजाम दिया गया हो।
हीरालाल की तीन बेटियों को चलने में दिक्कत थी, वहीं एक बेटी को दिखाई नहीं देता था। पुलिस जांच में सामने आया कि हीरालाल अंतिम बार 24 सितंबर की शाम को घर से बाहर निकला था। एक सीसीटीवी फुटेज में वह घर की ओर जाता दिखाई दे रहा है। इस दौरान उसके हाथ में मिठाई का डिब्बा है। माना जा रहा है कि इसी मिठाई में सल्फाश की गोली मिलाकर सभी ने खाई होगी। पुलिस मान रही है कि सभी ने 24 सितंबर को ही आत्महत्या कर ली थी। पड़ोसियों को तीन दिन बाद शुक्रवार को बदबू आने पर घटना की जानकारी हुई।
बेटियों की देखरेख नहीं कर पा रहा था हीरालाल
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी हीरालाल पर आ गई थी। नौकरी पर जाने के साथ ही बेटियों की देखरेख करना उसके लिए मुश्किल हो रहा था। पड़ोसियों ने बताया कि हीरालाल कम बात करने वाल व्यक्ति था। पत्नी की मौत के बाद उसने घर से निकलना तक बंद कर दिया था। घटनास्थल के सामने मौजूद दुकानदार ने बताया कि हीरालाल आखिरी बार उनकी दुकान से छह-सात दिन पहले खाने-पीने का सामान लेकर गया था। उधर, हीरालाल की भाभी ने बताया कि करीब चार माह पहले उनकी अंतिम बार बात हुई थी, तब हीरालाल ने बेटियों की देखभाल में परेशानी की बात कही थी।
मेडिकल बोर्ड करेगा पोस्टमॉर्टम
पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि शवों का पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड करेगा। पुलिस की ओर से मेडिकल बोर्ड का गठन करने के लिए सिफारिश की गई है। सोमवार तक मेडिकल बोर्ड कर गठन कर शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। इसके बाद शव को परिजनों के हवाले किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की सभी एंगल से जांच की जा रही है। मामले के संबंध में कई लोगों से पूछताछ की गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के बाद से आसपास के लोग सहमे हुए हैं।
जनवरी से नौकरी करने नहीं गया था
पुलिस जांच में सामने आया है कि हीरालाल पिछले 28 साल से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, वसंत कुंज में कारपेंटर के पद पर काम करता था। जनवरी से वह नौकरी पर नहीं जा रहा था।
त्योहार पर भी पड़ोसियों से बनाता था दूरी
इमारत में रहने वाले लोगों ने बताया कि हीरालाल किसी के संपर्क में नहीं था। उसके घर का गेट हमेशा बंद रहता था। त्योहारों में भी वह लोगों से नहीं घुलता-मिलता था।
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