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    नीट परीक्षा में अच्छे अंक के बावजूद बीएएमएस कोर्स चुना

  • September 28, 2024

    • मुम्बई की छात्रा ने पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय जबलपुर में लिया दाखिला

    जबलपुर। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में आयुर्वेद महाविद्यालयों की 15 प्रतिशत ऑल इण्डिया कोटे की सीटों पर प्रवेश की कार्यवाही की गई। जिसके तहत एमपी ऑनलाइन के माध्यम से मध्यप्रदेश आयुष संचालनालय, भोपाल द्वारा बीएएमएस स्नातक प्रथम चरण काउंसिलिंग 25 एवं 26 सितंबर 2024 को पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय भोपाल में संपन्न कराई गई। जिसके बाद 18 सितंबर को मैरिट सूची का प्रकाशन किया गया था, जिसमें नीट परीक्षा में 645 अंक पाने वाली वनता जैन का प्रथम रैंक हासिल किया। मुंबई की छात्रा वनिता जैन ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज से प्रेरित होकर एमबीबीएस को न चुनकर आयुर्वेद बीएएमएस में अपना करियर बनाने का निर्णय लिया है। वहीं 25 सितंबर 2024 को प्रथम चरण काउंसिलिंग में ऑल इण्डिया कोटे से पूर्णायु आयुर्वेद चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ, गल्र्स कॉलेज, तिलवाराघाट में प्रवेश लिया। पूर्णायु कॉलेज की शुरुवात 2021 में आचार्य श्री के आशीर्वाद से श्री दिगम्बर जैन संरक्षिणी सभा द्वारा की गई। मध्य प्रदेश यह एक मात्र 100 सीटों वाला बालिका महाविद्यालय है, जो मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध है।



    पूर्ण पाठ्यक्रम का शिक्षण शुल्क माफ
    छात्रा के पूर्णायु में प्रवेश पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. स्वप्निल सिंघई ने छात्रा को हार्दिक बधाई दी एवं उसके उज्जवल भविष्य के लिए कामना की। प्राचार्य ने कहा यह हमारे महाविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है, गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मध्यप्रदेश ऑल इण्डिया कोटे से प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम एवं शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय न चुनकर निजी महाविद्यालय का चयन किया। छात्रा अपनी मेहनत और समर्पण से सफ लता की ऊॅंचाइयों तक पहुचेंगी ऐसी हम उम्मीद करते है। ऑल इण्डिया काउंसिलिंग के प्रभारी प्रो. डॉ. अमित मुखर्जी, डॉ. गौरव कुमार शहा, डॉ. चेताली श हा एवं शुभम ने पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय भोपाल में अभिलेख सत्यापन कर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की। पूर्णायु प्रबंधक न्यासीगण पवन चौधरी, सौरभ जैन ने छात्रा को बधाई दी एवं पूर्ण पाठ्यक्रम का शिक्षण शुल्क माफ करने का एलान किया।

    आयुर्वेद जीवन जीने का एक दृष्टिकोण
    आयुर्वेद का चुनाव करके, छात्रा ने न केवल अपने व्यक्तिगत विकास की दिशा में आगे कदम बढाया है, यह निर्णय आयुर्वेद की समुद्ध परंपरा को भी संरक्षित और प्रचारित करने में योगदान के लिए भी महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद न केवल एक चिकित्सा प्रणाली है, बल्कि यह जीवन जीने का एक दृष्टिकोण भी है, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को संतुलित करता है। छात्रा के लिए यह अवसर अपने ज्ञान को बढ़ाने और समाज के लिए उपयोगी बनाने का है।

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