उज्जैन। एक तरह तो स्वास्थ्य विभाग शासकीय चरक अस्पताल में 600 से ज्यादा दवाइयों के नि:शुल्क वितरण का दावा कर रहा हैं, वहीं दूसरी ओर यहां इलाज के लिए आने वाले मरीज जन औषधि केंद्र और अन्य मेडिकल स्टोर्स से दवाईयाँ खरीदने को मजबूर हैं। यह तब हो रहा है जब अस्पताल में सभी दवाइयों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
जन औषधि केंद्र का संचालन निजी ठेकेदार द्वारा
बता दें कि चरक अस्पताल में जन औषधि केंद्रों का संचालन निजी ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इसे नो प्राफीट-नो लॉस की तर्ज पर खोला हैं, लेकिन चरक अस्पताल में इनके संचालन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। गुरुवार को चरक अस्पताल में इलाज के लिए आई मंजू लता ने बताया कि इस केंद्र का उद्देश्य बाहरी मरीजों को कम दर पर दवा उपलब्ध कराना हैं। ना कि चरक में नि:शुल्क मिलने वाली दवाइयों को सशुल्क बेचना। मतलब जिन चिकित्सकों को बाहर की दवाएँ लिखने की भी मनाही है। वे यहाँ मरीजों की भीड़ लगवा रहे हैं। ऐसे में चरक अस्पताल में आने वाले मरीजों को जन औषधि केंद्र से लाभ से ज्यादा नुकसान हो रहा हैं।
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