मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने गुरुवार को कहा कि अगर अदाणी समूह (Adani Group) राज्य सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करता है तो धारावी पुनर्विकास (Dharavi Redevelopment) का ठेका उससे वापस ले लिया जाएगा. ‘मीडिया कॉन्क्लेव’ में फडणवीस ने परियोजना पर विपक्षी दलों के आरोपों का खंडन किया और कहा कि सबसे अधिक बोली लगाने पर ‘टेंडर’ अदाणी समूह को दिया गया.
मुंबई की कांग्रेस प्रमुख और लोकसभा सदस्य वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को दावा किया था कि महत्वाकांक्षी पुनर्निर्माण का काम कर रही धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी अदाणी समूह के पास है, जबकि राज्य सरकार के पास शेष 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
उन्होंने कहा कि पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार हस्तांतरणीय विकास अधिकारों (टीडीआर) को सीमित करने में विफल रही.फडणवीस ने कहा, ‘यह हमारी सरकार थी जिसने टीडीआर मूल्य निर्धारण पर सीमा तय की थी.’
उद्धव सरकार पर लगाया आरोप
उन्होने कहा, ‘उद्धव सरकार ने जो टीडीआर दिया था उसमें कैपिंग नहीं थी. इसका मतलब था कि आप होल्डिंग करेंगे और फिर अपने हिसाब से कीमत बढ़ाएंगे. अभी प्राइस पर कैप है. जो प्राइस है उस पर आप 90 परसेंट से ऊपर नहीं जा सकते हैं. अगर उद्धव सरकार ने जो कंडीशन लगाई थी, उस कंडीशन को हम मान्य करते तो जो हम विकासक है, डेवलपर है वो 200 परसेंट तक भी प्राइस ले जा सकता था क्योंकि वो प्राइज रोककर रख लेता था.
‘तो ले लेंगे कॉन्ट्रेक्ट वापस’
फडणवीस ने कहा, “अडानी (समूह) को वही करना होगा जो सरकार चाहती है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम उनसे अनुबंध वापस ले लेंगे.” फडणवीस उस समय राज्य सरकार में आवास मंत्री थे, जब अरबपति गौतम अडानी के समूह ने दुनिया के सबसे घने शहरी क्षेत्रों में से एक धारावी के पुनर्विकास के लिए बोली जीती थी. फडणवीस ने कहा कि विपक्षी दल या तो इस मुद्दे का ठीक से अध्ययन नहीं कर रहे हैं या इसे राजनीतिक रूप देने में अधिक रुचि रखते हैं.
2024 के आम चुनावों में लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले धारावी की विधायक रही गायकवाड़ ने यह भी आरोप लगाया कि पुनर्विकास परियोजना रियल एस्टेट का सबसे बड़ा घोटाला है. गायकवाड़ के दावों पर सवाल पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, “धारावी पुनर्विकास योजना राज्य सरकार के नियंत्रण में है. एक प्रमुख सचिव स्तर का अधिकारी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीआरपी) का प्रमुख होगा. यह विकास नियंत्रण नियमों का मसौदा तैयार करेगा.”
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