इंदौर के मंदिरों में बिकने वाले प्रसाद को लेकर प्रशासन की चुप्पी
इंदौर। तिरुपति मंदिर (tirupati temple) के प्रसाद (prasaad) में मिलावट मिलने के बाद उज्जैन (Ujjain) खाद्य विभाग ने महाकाल (Mahakal) के प्रसाद (Prasad) का सैंपल जांच के लिए भेजे है। वहीं इंदौर के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं अब तक कोई सैंपल ना जांच के लिए लिया गया ना ही प्रशासन द्वारा ऐसे कोई निर्देश जारी किए गए।
महाकाल मंदिर के पास लाइसेंस
महाकाल मंदिर के प्रसाद निर्माण को लेकर वर्ष 2018 से लाइसेंस जारी किया गया है उज्जैन देश का ऐसा पहला स्थान रहा है जहां प्रसाद भोग सर्टिफिकेट मिला हुआ है बाद में ओंकारेश्वर व खजराना गणेश मंदिर सहित कई मंदिरों को यह सर्टिफिकेट दिया गया है। खजाना गणेश मंदिर में भी दुकान के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले प्रसाद को लेकर परीक्षण कई बार हुआ है यहां कुछ वर्ष पूर्व दिए गए प्रमाण पत्र के अनुसार लड्डुओं में मिलावट नहीं पाई गई है ।हालांकि भक्तो ने कई बार घी को लेकर शंका जाहिर की है।लेकिनवर्तमान में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई निर्देश नहीं होने के चलते इंदौर के किसी भी मंदिर में अभियान चलाकर जांच नहीं की जा रही है। संभावना है कि जल्द ही खजराना गणेश मंदिर रणजीत हनुमान मंदिर और बिजासन माता मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी मिलने वाले प्रसाद की जांच खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा की जा सकती है।
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