इंदौर (Indore)। प्रशासन लगातार भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर अभियान में जुटा है। बावजूद इसके हर चौराहों, धार्मिक स्थलों और बाजारों में भिखारियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। पिछले दिनों आसपास के राज्यों के भी कई भिखारियों के इंदौर आने की जानकारी मिली। वहीं अब प्रशासन ने समझाइश देने की बजाय अब इन भिखारियों को जिले से ही बाहर भेजने का निर्णय लिया है। कल भी 14 भिखारियों को पकडक़र उज्जैन के सेवा धाम में भिजवाया। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि लगातार यह अभियान जारी रहेगा और भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर को किया जाएगा।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देशानुसार भिक्षावृत्ति मुक्त इन्दौर अभियान के तहत जिला प्रशासन की टीम द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा सोमवार को इंदौर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में भिक्षा मांगने वालों के विरूद्ध रेस्क्यू की कार्रवाई की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रामनिवास बुधौलिया एवं उपायुक्त नगर निगम श्रीमती लता अग्रवाल के निर्देशन में जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा आज अन्नपूर्णा मंदिर और चौराहे से 10 महिलाएं एवं चार बच्चों को भिक्षावृत्ति करते हुए रेस्क्यू कर इन्हें उज्जैन के सेवा धाम में प्रवेशित कराया गया।
जिला प्रशासन की टीम द्वारा भिक्षा मांगने वाले और भिक्षा देने वाले, दोनों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। सतीश गंगराडे, दिनेश मिश्रा एवं अन्य टीम सदस्यों द्वारा रेस्क्यू की कार्रवाई की गई। बताया गया कि इस तरह की कार्यवाहियां लगातार जारी रहेंगी। संस्था प्रवेश द्वारा भी भिखारियों के पुनर्वास सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। उसकी प्रमुख रुपाली जैन का कहना है कि विगत दो सालों में भिक्षुक पुनर्वास को लेकर काफी कार्य किए गए। रोजगार प्रशिक्षण, रहन-सहन, भोजन से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी की गई और उसके परिणाम भी अच्छे आए हैं। अभी भिक्षावृत्ति में लगे कई लोगों ने रोजगार भी शुरू कर दिया है। कोई नौकरी कर रहा है, तो कोई छोटा-मोटा व्यापार और कई लोगों को सामग्री निर्माण में भी लगा रखा है।
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