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    रूस कर रहा परमाणु मिसाइल के टेस्ट की तैयारी, सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर थिंक टैंक रोल्स का दावा

  • September 22, 2024

    मॉस्को । रूस (Russia) की उत्तरी न्यूक्लियर टेस्ट साइट (Northern Nuclear Test Site) पर सुरंगें (सुरंगें ) तैयार की जा रही हैं। एक जापानी थिंक टैंक (Japanese think tanks) ने हाल ही में ली गई सेटेलाइट इमेजरी (Satellite Imagery) के आधार पर ये दावा किया है। सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर 18 सितंबर, 2024 को टोक्यो विश्वविद्यालय में एडवांस्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के ओपन लेबोरेटरी फॉर इमर्जेंस स्ट्रैटेजीज (रोल्स) ने अपनी रिपोर्ट में रूस की उत्तरी नोवाया जेमल्या परमाणु परीक्षण स्थल पर महत्वपूर्ण निर्माण गतिविधियों होने की बात कही है। इन तस्वीरों ने संभावित परमाणु परीक्षण और एडवांस वेपन सिस्टम, विशेष रूप से ब्यूरवेस्टनिक न्यूक्लियर-पावर क्रूज मिसाइल तैयार किए जाने के बारे में अटकलें तेज कर दी हैं।

    यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रोल्स ने पहली पाया है कि इन गर्मियों में परमाणु परीक्षण सुरंगों से मिट्टी हटाई जा रही थी। गर्मी के बाद भी यहां अतिरिक्त हलचल देखी गई। इन गतिविधियों ने परमाणु परीक्षण और हथियार विकास के संबंध में रूस के इरादों के बारे में अटकलें लगाई हैं। ये अटकलें इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि प्रमुख रूसी वैज्ञानिक मिखाइल कोवलचुक ने कुछ समय पहले नोवाया जेमल्या में परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने की वकालत की थी।


    सैटेलाइट तस्वीरों से क्या-क्या पता चला
    सितंबर की सेटेलाइट तस्वीरों से साइट में कुछ जगहों से मिट्टी हटाने का पता चला है, जिससे पता चलता है कि सुरंगों में भूमिगत कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त तस्वीरों ने बड़े पैमाने पर परिवहन जहाजों और रोसाटॉम विमानों के आगमन के साथ-साथ नोवाया जेमल्या पर बड़े पैमाने पर निर्माण की पुष्टि की। रोल्स थिंक टैंक ने कहा कि यह साफ नहीं है कि ये गतिविधियां रूस के चल रहे परमाणु परीक्षणों से जुड़ी हैं या नहीं लेकिन यह कुछ महत्वपूर्ण तैयारी का इशारा करती है।

    इन तस्वीरों ने ब्यूरवेस्टनिक मिसाइल को भी चर्चा में ला दिया है। कई विश्लेषकों का मानना है कि नोवाया जेमल्या पर निर्माण कार्य ब्यूरवेस्टनिक के टेस्ट से जुड़ा है। ये रूसी लॉ-फ्लाइंग, न्यूक्लियर पावर्ड और न्यूक्लियर आर्म्ड क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल को एक मानक रॉकेट इंजन का उपयोग करके लॉन्च किया जाता है, जिसके बाद उड़ान में एक छोटा परमाणु रिएक्टर सक्रिय होता है, जिससे यह महत्वपूर्ण दूरी तय करने में सक्षम होता है। ब्यूरवेस्टनिक को ‘फ्लाइंग चेरनोबिल’ उपनाम दिया है।

    मिसाइल के कई टेस्ट रहे हैं फेल
    ब्यूरवेस्टनिक मिसाइल अभी सफल नहीं मानी गई है। इसके कई परीक्षण हुए हैं, जिनमें से अधिकतर के परिणाम सकारात्मक नहीं आए। 2019 में आर्कान्जेस्क के पास एक परीक्षण विफल हुआ था और इसके परिणामस्वरूप कम से कम पांच मौतें हुई थीं, हालांकि रूस ने परीक्षण की विफलता को स्वीकार नहीं किया है।

    नोवाया जेमल्या परमाणु परीक्षण स्थल, जो रूसी रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में है। इस साइट का उपयोग अन्य उद्देश्यों के अलावा, परमाणु हथियारों की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए किए गए परीक्षणों के लिए किया गया है। नोवाया जेमल्या में पहला परीक्षण 1950 के दशक में आयोजित किया गया था। 1987 में यहां एक हादसा हुआ था, जब माटोत्स्किन सारी सुरंग में एक परीक्षण विस्फोट के बाद शाफ्ट ढह गए और वायुमंडल में एक रेडियोधर्मी बादल फैल गया। नोवाया जेमल्या में रूस का आखिरी परमाणु परीक्षण 1990 में हुआ था।

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