शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि प्रदेश सरकार (State Government) शिक्षा क्षेत्र में (In the Education Sector) गुणात्मक सुधार के लिए (For Qualitative Improvement) महत्वपूर्ण कदम उठा रही है (Is taking important Steps) । इससे सरकारी शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों को सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण तंत्र को मजबूत करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) को सशक्त करने का निर्णय लिया है। एससीईआरटी को स्कूल और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए राज्य में शीर्ष संस्थान के रूप में स्तरोन्नत किया गया है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान को हस्तांतरित किया गया है। इसके अलावा, डाइट संस्थानों की प्रशासनिक देखरेख भी सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक को सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में एससीईआरटी उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत था और डाइट संस्थानों का प्रबन्धन प्रारम्भिक शिक्षा द्वारा किया जाता था, जिसके कारण इन प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की तैनाती और स्थानातांतरण नीति में स्पष्टता नहीं थी। इस पुनर्गठन से दोनों संस्थानों की कार्य प्रणाली में आवश्यक सुधार सुनिश्चित होगा।
उन्होंने कहा कि एससीईआरटी वर्ष 1954 में शिक्षा महाविद्यालय के रूप में स्थापित हुआ था। वर्ष 1970 में राज्य शिक्षा संस्थान बना तथा वर्ष 1984 में एससीईआरटी के रूप में पुनर्गठित हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान करके शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। यह संस्थान विभिन्न शैक्षिक विषयों पर कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन करके अकादमिक शोध, नवाचार और प्रेरणा के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि एससीईआरटी का पुनर्गठन शिक्षण संकायों को प्रशिक्षण प्रदान करने में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में सक्षम करेगा, जिससे शोध और नवाचारों के माध्यम से शैक्षिक परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने डाइट संस्थानों का स्तरोन्नयन किया है, जो सेवा-पूर्व और सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने के साथ-साथ शिक्षा में नामांकन, प्रतिधारण और लैंगिक समानता जैसे विभिन्न मुद्दों पर राज्य और जिला स्तर पर शैक्षिक अनुसंधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों की नवाचार प्रयासों प्रोत्साहित किया जाएगा। इन्हें नियमित रूप से जिला स्तरीय संगोष्ठियों और न्यूज़लेटर के माध्यम से साझा भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में डाइट केवल सेवाकालीन प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित करेंगे, जबकि अन्य डाइट संस्थानों को बुनियादी ढांचे के आधार पर श्रेणी ए और बी में वर्गीकृत किया जाएगा, जहां नियमित प्रशिक्षण के अलावा चयनित ब्रिज कोर्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रत्येक डाइट का प्रशासनिक प्रमुख उप-निदेशक (उच्च शिक्षा-निरीक्षण) होगा, जिसे उप-निदेशक, गुणवत्ता नियंत्रण कहा जाएगा, जबकि प्रधानाचार्य दैनिक कार्यों को संभालेंगे, जिनकी नियुक्ति योग्यता और उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड के आधार पर की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य भर में शैक्षिक मानकों को बढ़ाने और शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली में सुधार करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। विश्व की सर्वोत्तम शिक्षण तकनीकों व नवाचार को अपनाने के लिए, राज्य सरकार ने शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भेजने का कार्यक्रम भी शुरू किया है।
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