चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा (Kumari Selja) ने प्रचार से दूरी बना कर रखी है. बीते एक सप्ताह से शैलजा चुनाव प्रचार से दूर हैं और ऐसे में हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी फिर से जगजाहिर हो गई है. सीएम पद की रेस बाहर होने के बाद कुमारी शैलजा कांग्रेस पार्टी के पोस्टरों से भी गायब हो गई हैं. अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि वह फिलहाल, प्रचार से भी दूर ही रहेंगी.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद कुमारी शैलजा की नाराजगी बरकरार है और उनका हरियाणा में अभी चुनाव प्रचार का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है. टिकट बंटवारे पर हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेताओं से कुमारी शैलजा की नाराजगी देखी जा रही है. वहीं, मनोहर लाल खट्टर के बीजेपी में शामिल होने के न्यौते पर सूत्र बताते हैं कि कुमारी शैलजा के बीजेपी में जाने का सवाल ही पैदा ही नहीं होता और नाराजगी, पार्टी का अंदरूनी मामला है.
हालांकि, सियासी गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि कुमारी शैलजा 24 सितंबर के बाद हरियाणा के चुनावी रण में उनके समर्थित प्रत्याशियों के प्रचार कर सकती हैं. बता दें कि अब तक वह हरियाणा में प्रचार के लिए भी नहीं उतरी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जब भी वह प्रचार के लिए आएंगी तो 11 सीटों पर रैली कर सकती हैं. क्योंकि पांच प्रत्याशी उनके समर्थित हैं तो 6 उम्मीदवार उनके कहे अनुसार पार्टी ने चुनाव में उतारे हैं.
कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा में तकरार जगजाहिर है. वह विधानसभा चनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन पार्टी ने सांसद को टिकट ना देने की बात कहते हुए उनकी दावेदारी खारिज कर दी. ऐसे में कांग्रेस पर दलित महिला नेता को दरकिनार करने के आरोप लग रहे हैं और भाजपा लगातार इस मामले में कांग्रेस पर हमलावर है. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तो कुमारी शैलजा को भाजपा में आने का ऑफर तक दे डाला था. केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को एक सभा के बाद कहा कि कुमारी शैलजा का भाजपा में स्वागत है. उन्होंने कहा कि हमारी एक दलित बहन का अपमान हुआ है और उसे गालियां तक दी गई हैं. वो बहन अब घर बैठी है, लेकिन उन्हें (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) को शर्म तक नहीं आई.
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