आगरा। ताजमहल की दीवारों पर पेड़ उगने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ताजमहल की मुख्य गुंबद पर पेड़ उगाने से इस ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण और रखरखाव को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह लापरवाही न केवल ताजमहल की सौंदर्यात्मक महत्ता को खतरे में डाल रही है, बल्कि संरक्षण और रखरखाव के प्रति विभाग की लापरवाही को भी उजागर कर रही हैं। गुंबद पर पेड़ उगने से न केवल स्मारक की संरचना पर असर पड़ सकता है, बल्कि इससे ताजमहल की सौंदर्यता भी प्रभावित हो रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं नियमित निगरानी और उचित रखरखाव की कमी को दर्शाती हैं। विशेषज्ञों और इतिहासकारों ने भी भारतीय पुरातत्व विभाग की आलोचना की है और इसे ताजमहल जैसे ऐतिहासिक स्मारक के लिए एक गंभीर खतरा बताया है। उनका कहना है कि ताजमहल का उचित संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण और सुधारात्मक उपाय जरूरी हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पुरातत्व विभाग को ताजमहल के संरक्षण के लिए विशेष ध्यान और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिये।
गुंबद पर पेड़ के उगने की जानकारी मिलने के बाद जब ताजमहल के रखरखाव से जुड़े अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उनका जवाब असंतोषजनक था। उनका कहना था कि वे इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
विपक्ष भी सरकार को इस मुद्दे पर घेर रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी अपने एक हैंडल पर तक की देखभाल को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा किल विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले अजूबे ‘ताजमहल‘ के रख-रखाव को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से नाकाम हैं। इससे मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में ज़ंग लगने की आशंका है। मुख्य गुंबद से पानी टपक रहा है।
गुंबद में पेड़ उग आने का समाचार सुर्ख़ियों में है। इन जैसे पेड़ों की जड़े अगर विकसित हुईं तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं। ताजमहल का परिसर बंदरों के लिए अभयारण्य बन गया है। ताजमहल परिसर में जलभराव की समस्या है। पर्यटकों की परेशानी ये है कि वो ताजमहल निहारें या समस्याओं से निपटें। सवाल ये है कि ताजमहल के रख-रखाव के लिए जो करोड़ों का फ़ंड आता है, वो कहां जाता है?
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