लखनऊ। मायावती (mayavathi) के शासन काल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी (Greater Noida Authority) के चेयरमैन (Chairman) और प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे पूर्व आईएएस (IAS) मोहिंदर सिंह (Mohinder Singh) के घर कल ईडी ने छापेमारी की थी। जिसके बाद ईडी को पूर्व आईएएस सरदार मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ वाले आवास पर सात करोड़ के हीरे बरामत हुए। कल ईडी ने नोएडा की हेसिंडा प्रॉजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और उनके सहयोगियों के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें उन्हें 12 करोड़ रुपये के हीरे, सात करोड़ के सोने के जेवर और एक करोड़ कैश मिला था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल लोटस 300 प्रोजेक्ट मामले में ईडी ने देश भर में कई जगहों पर छापेमारी की. यह 300 करोड़ का घोटाला था. ईडी ने इस मामले में दिल्ली के अलावा नोएडा, मेरठ और चंडीगढ़ में छापा मारा. इसी दौरान नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित कोठी पर भी ईडी ने छापेमारी की. ईडी के अधिकारी तक चौंक गए, जब रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह के घर में हीरों का भंडार मिला. इनकी कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यही नहीं यहां से तकरीबन 7 करोड़ का सोना भी बरामद किया गया.
कौन हैं ये रिटायर्ड आईएएस अफसर
जिस रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मोनिंदर सिंह के घर ईडी का छापा पड़ा है. वह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने 1977 में यूपीएससी परीक्षा पास की और 1978 बैच के आईएएस अधिकारी बने. वह 31 जुलाई 2012 में रिटायर हुए. रिटारमेंट से पहले मोनिंदर सिंह की गिनती उत्तर प्रदेश के ताकतवर अफसरों में की जाती थी. मायावती शासन में उनकी तू-ती बोलती थी. यही कारण था कि उन्हें एक समय में नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी का सीईओ बनाया गया था. इसके अलावा वह तीनों विकास प्राधिकरणों के भी चेयरमैन रहे थे. मोनिंदर सिंह का नाम सुपरटेक और आम्रपाली बिल्डर घोटाले मामले में सामने आया था. सुपरटेक के विवादित ट्विन टावर मामले में नोएडा प्राधिकरण के 11 अधिकारियों को दोषी पाया गया था, जिसमें मोनिंदर सिंह का भी नाम था. इस मामले में कुल 26 अधिकारियों पर आरोप हैं, जिनमें से 20 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं.
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