नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सबको चौंका दिया। उनके इस फैसले से न सिर्फ लोग हैरान रह गए, बल्कि राजनीतिक पार्टियां भी सोचने को मजबूर हो गईं। उन्होंने कहा कि अब वे तबतक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जबतक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती।
साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) भी मुख्ममंत्री नहीं बनेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? सीएम पद की रेस में आतिशी, सौरभ भारद्वाज, सुनीता केजरीवाल हैं। आतिशी और सौरभ भारद्वाज तो विधानसभा के सदस्य हैं, लेकिन सुनीता केजरीवाल सदन की मेंबर नहीं हैं। आइए जानते हैं कि सुनीता केजरीवाल किस तरह दिल्ली की मुख्यमंत्री बन सकती हैं?
मुख्यमंत्री बनने के लिए यह जरूरी नहीं है कि नेता उस वक्त चुनाव जीता हुआ हो। ऐसा नेता भी मुख्यमंत्री बन सकता है, जो न कभी चुनाव लड़ा हो और न कभी जीता हो। नियम के अनुसार, सीएम पद की शपथ लेने के 6 महीने के अंदर सदन की सदस्यता लेनी जरूरी है। ऐसे में उसे किसी सीट से चुनाव लड़ना पड़ेगा और जीतना भी पड़ेगा, क्योंकि बिना सदस्यता के वह 6 महीने के ज्यादा सीएम पद भी नहीं रह सकता है।
अगर सुनीता केजरीवाल दिल्ली की सीएम बनती हैं तो उन्हें भी इन नियमों से गुजरना पड़ेगा। दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले साल जनवरी या फरवरी महीने में होने हैं। ऐसे में सुनीता केजरीवाल 6 महीने के अंदर ही किसी सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल कर सकती हैं। इसके लिए आम आदमी पार्टी के किसी विधायक को अपनी सीट छोड़नी नहीं पड़ेगी। जब अरविंद केजरीवाल जेल में बंद थे तब सुनीता केजरीवाल ने ही पार्टी का कमान संभाल रखी थी।
नियम के अनुसार, अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे देने के बाद विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। दल द्वारा चुने गए नेता का नाम उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद उपराज्यपाल उस नेता को सीएम पद की शपथ दिलाएंगे। इसी प्रक्रिया के तहत ही सुनीता केजरीवाल भी दिल्ली की सीएम बन सकती हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved