ढाका। बांग्लादेश (Bangladesh) में शेख हसीना की सरकार (Sheikh Hasina’s government) गिरने के बाद लगातार भारत (India) विरोधी बयान तेज हो गए है। बांग्लादेश में अब ऐसी ताकतें उठ खड़ी हो रही हैं, जो पाकिस्तान (Pakistan) के पक्ष की बात करती हैं। पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के संबंध लंबे समय से विश्लेषण का विषय बने रहे हैं। हाल ही में ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शाहिदुज्जमां (Professor Shahiduzzaman) ने एक सेमिनार में बांग्लादेश के लिए न्यूक्लियर हथियारों (nuclear power) की बात की। सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत को एक बड़ा खतरा बताया और कहा कि पाकिस्तान बांग्लादेश का विश्वसनीय और भरोसेमंद सुरक्षा सहयोगी है।
पाकिस्तान को बताया सबसे बड़ा सहयोगी
शाहिदुज्जमां यह भूल गए कि बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग क्यों हुआ। उन्होंने बिना इसका जिक्र किए कहा, ‘पाकिस्तान हमेशा से बांग्लादेश का सबसे विश्वसनीय सुरक्षा सहयोगी रहा है। लेकिन भारतीय नहीं चाहते हैं कि हम इस पर विश्वास करें। अवामी लीग चाहती है कि हम इसे न मानें। लेकिन यही सच्चाई है।’ प्रोफेसर ने आगे जिन्ना के देश की तारीफ करते हुए कहा कि बांग्लादेश को अपना झुकाव पाकिस्तान की ओर बढ़ाना चाहिए। उसने कहा, ‘पाकिस्तानियों का दिल जलता है। वह हमसे माफी नहीं चाहते हैं। लेकिन वह यह भी नहीं चाहते कि हम भारत के साथ रहे। वह हमारे लिए सबकुछ करने को तैयार हैं।’
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‘भारत से चाहते हैं अच्छे संबंध’
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस ने बुधवार को कहा कि उनका देश भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने का इच्छुक है। यह ‘निष्पक्षता और समानता’ के आधार पर होना चाहिए। यूनुस ने टेलीविजन के जरिये अपने संबोधन में कहा कि प्रशासन के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई अन्य देशों के नेताओं ने उन्हें बधाई देने के लिए फोन किया था। उन्होंने कहा, ‘हम भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन ये संबंध निष्पक्षता और समानता के आधार पर होने चाहिए।’
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