डेस्क: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त में सेना के खिलाफ पुलिस ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन के बाद सैन्य अफसर झुक गए हैं. सेना ने लक्की मारवात जिले को खाली करने की बात मान ली है. सेना ने अपने बयान में कहा है कि फौजी छह दिन में लक्की मारवात के शहरी इलाके से चले जाएंगे. इससे पहले पुलिस और सेना के बीच वार्ता हुई थी. वार्ता के सफल होने के बाद सेना ने शहर से हटने की बात स्वीकार ली है.
दरअसल, पुलिसकर्मियों का यह प्रदर्शन 9 सितंबर से शुरू हुआ था. पुलिस ने आरोप लगाया था कि सेना और आईएसआई के लोग उनकी ड्यूटी में दखल देते हैं और उन्हें काम करने नहीं देते हैं. इस वजह से प्रान्त के हालात खराब हो गए हैं. इसके बाद सेना और आईएसआई के दखल को खत्म करने की मांग को लेकर सैकड़ों पुलिसकर्मी सड़क पर उतर आए थे.
इस दौरान पुलिसकर्मियों का कहना था कि यहां पर कानून व्यवस्था देखने का काम उन्ही का है और वो ही इस काम को करेंगे. पुलिसकर्मियों ने आगे कहा था कि वो यहां पर सेना का दखल नहीं चाहते हैं. ऐसे में सेना यहां से चली जाए. उनकी इस मांग को सेना ने मान लिया है.
रिपोर्ट में बताया है कि इस प्रदर्शन में आसपास के जिलों के पुलिसकर्मी भी शामिल हो गए थे. इसके अलावा कई राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और स्थानीय समूहों का भी पुलिसकर्मियों को समर्थन मिल रहा था. पुलिसकर्मियों ने सेना और आईएसआई पर क्षेत्र में शांति भंग करने और सुरक्षा स्थिति को बदतर बनाने का आरोप लगा लगाया था. पुलिसकर्मियों का कहना था कि सेना की वजह से यहां के हालात खराब कर रहे हैं और अब पुलिसकर्मी आतंकी गुटों के निशाने पर आ गए हैं. वो पुलिसकर्मियों के परिवारों को भी निशाना बना रहे हैं.
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