नई दिल्ली । 275 रनों से वनडे मुकाबला(ODI match) हारने के बाद कोई भी टीम बैकफुट(Team Backfoot) पर चली जाती है, ऐसी हार के बाद सीरीज (Series)तो छोड़ो अगला मैच जीतने(win the match) का खयाल उनके जहन में नहीं आता। मगर इसके विपरीत आयरलैंड की वुमेंस टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन कर 23 साल पुराने इतिहास को दोहराया है। इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच तीन मैच की टी20 सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच बुधवार, 11 सितंबर को बेलफास्ट में खेला गया था। सीरीज के पहले दो मैच हार चुकी आयरिश टीम की की नजरें क्लीन स्वीप से बचने के साथ-साथ इज्जत बचाने पर भी थी क्योंकि पिछले ही मुकाबले में आयरलैंड ने उन्हें 275 रनों से करारी शिकस्त दी थी।
बारिश से बाधित इस मुकाबले में इंग्लैंड की टीम पहले बैटिंग करते हुए 20.5 ओवर में 153 रन पर सिमट गई। आयरलैंड को जीत के लिए DLS के आधार पर 22 ओवर में 155 रनों का टारगेट मिला था। इंग्लिस टीम के लिए एक बार फिर टैमी ब्यूमोंट चमकीं जिन्होंने शानदार अर्धशतक जड़ते हुए 52 रनों की पारी खेली, पिछले मैच में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया था।
155 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए गैबी लुईस ने कप्तानी पारी खेलते हुए 72 रन बनाए। उनके अलावा आयरलैंड की कोई भी बैटर 30 रन का आंकड़ा पार करने में कामयाब नहीं हुई, मगर टीम ने आखिरी गेंद पर चौका लगाकर जीत जरूर दर्ज की। आयरलैंड के लिए विनिंग शॉट अलाना डाल्जेल ने लगाया। आयरलैंड तीन विकेट से यह मैच जीतने में कामयाब रही।
वुमेंस वनडे क्रिकेट के इतिहास में आयरलैंड की यह इंग्लैंड पर मात्र दूसरी जीत है। 23 साल पहले 2001 में आयरिश टीम ने अंग्रेजो को पहली बार इस फॉर्मेट में धूल चटाई थी।
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