नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा (18th Lok Sabha) के कार्यकाल के तीन महीने बीत जाने के बाद भी संसद (Parliament) की विभाग संबंधी स्थायी समितियों (DRSC) का गठन नहीं हो पाया है। हालांकि, शीर्ष सूत्रों का कहना है कि डीआरएससी को अंतिम रूप दिए जाने और जल्द ही उनकी घोषणा किए जाने की संभावना है। इन सबके बीच, जानकारी सामने आई है कि निचली सदन में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को संसद की चार स्थायी समितियों (four permanent committees) की अध्यक्षता मिलने की संभावना है।
किस दल को कितनी समिति की मिल सकती है अध्यक्षता?
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने छह समितियों की अध्यक्षता की मांग की है। वहीं, डीएमके को लोकसभा और राज्यसभा में एक-एक समिति की अध्यक्षता मिल सकती है। इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को भी एक समिति की अध्यक्षता मिलने की संभावना है।
शीर्ष चार समितियों की मिल सकती है कमान
समाजवादी पार्टी (सपा) के लोकसभा में 37 सदस्य हैं, लेकिन वह रामगोपाल यादव की अध्यक्षता में राज्यसभा की एक समिति के लिए जोर दे रही है। सूत्रों की माने तो सपा को शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्षता मिल सकती है। उनके मुताबिक, कांग्रेस को लोकसभा में तीन और राज्यसभा में एक समिति की अध्यक्षता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि उसे ‘शीर्ष चार’ समितियों में से एक की अध्यक्षता मिलेगी।
सूत्रों ने संकेत दिया कि कांग्रेस को गृह संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्षता नहीं मिल सकती, जो राज्यसभा के अंतर्गत आती है। उन्होंने कहा कि पहले से ही प्रमुख लोक लेखा समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल हैं।
रिजिजू ने बताया स्थायी समिति का कब होगा गठन
एक सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने अभी तक उस समिति का नाम नहीं बताया है, जिसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल होना चाहते हैं। अधिकतर स्थायी समितियां लोकसभा सचिवालय के अंतर्गत आती हैं, कुछ राज्यसभा के तहत हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि स्थायी समितियों के गठन में कोई देरी नहीं हुई है और परंपरा के अनुसार, इस महीने के अंत तक उनका गठन किया जाएगा।
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