नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने बताया कि भारत में एमपॉक्स (Mpox in India) का एक अलग मामला सामने आया है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा घोषित हेल्थ इमरजेंसी का हिस्सा नहीं है. मरीज को संदिग्ध के तौर पर बीते दिन निर्धारित अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था, जहां अब पुष्टि हुई है कि वह एमपॉक्स के लिए पॉजिटिव (positive for Mpox) पाया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते दिन 8 सितंबर को बताया था कि एक युवक में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला पाया गया है. यह युवक हाल ही में एक ऐसे देश से लौटा था जहां एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) तेजी से फैल रहा है. मंत्रालय ने बताया था कि मरीज की हालत स्थिर है और इसके लिए निर्धारित अस्पताल में मरीज को आइसोलेट किए जाने की बात बताई थी.
मामले को मौजूदा प्रोटोकॉल के मुताबिक संभाला जा रहा है और इंडिया के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय ने बताया कि इसमें घबराने की बात नहीं है. मंत्रालय ने बताया था कि मरीज का कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा रहा है, ताकि संक्रमण के किसी भी संभावित प्रसार को रोका जा सके.
एमपॉक्स के कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सूजन ग्रंथियां, थकान, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, सिरदर्द और श्वसन संबंधी लक्षण (जैसे गले में खराश, नाक बंद होना, या खांसी) शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से इन लक्षणों को नजरअंदाज न करने और संदेह होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी है.
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