भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मंडियों में अभी सोयाबीन (Soybean) की बंपर आवक आनी शुरू भी नहीं हुई है, उससे पहले ही प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच सोयाबीन के भाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक करने के लिए सरकार को कई सुझाव अहम दिया है. प्रदेश में सोयाबीन के दाम को लेकर चल रही सियासी खींचतान के बीच बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लग रही है.
दिग्विजय सिंह ने सोयाबीन के दाम बढ़ाने को लेकर तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उनका कहना है कि सोयाबीन के भाव बढ़ाने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाना चाहिए, जिससे बाहर से सोयाबीन की आवक पर रोक लगाई जा सके. इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने तेल स्टॉक लिमिट खत्म करने की भी मांग उठाई. सरकार ने तेल स्टॉक लिमिट की सीमा तय कर रखी है. इसके साथ मिल उद्योग में सोयाबीन के स्टॉक की सीमा भी तय है.
इसके अलावा कमोडिटी एक्सचेंज में भी सोयाबीन को जोड़ने की राय दिग्विजय सिंह ने दी है. उनका दावा है कि अगर तीन कदम उठाए जाएं तो सरकार सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक किसानों को दिलवा सकती है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं और चने की खरीदी मॉडल को सोयाबीन पर भी लागू करना चाहिए, उन्होंने कहा कि गेंहू का मॉडल MSP और बोनस पर खरीदी हुई. इसके अलावा चना खरीदी का मॉडल, इस साल MAPP योजना से हर सप्ताह MSP से ज्यादा भाव बढ़ाकर चना खरीदी हुआ है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि सरकारी योजना MSP, MAPP, PDS PSS, PM-Asha आदि के जरिए भी सोयाबीन के दाम बढ़ाए जा सकते हैं.
दिग्विजय सिंह को लेकर बीजेपी ने कटाक्ष किया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना का कहना है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी उस समय दिग्विजय सिंह को किसानों की याद क्यों नहीं आई? सचिन सक्सेना ने सवाल उठाते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह के शासन काल में किसानों के साथ कर्ज माफी सहित कई प्रकार की धोखाधड़ी हुई.” उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार है और सरकार किसानों के हित में निर्णय लेगी. सोयाबीन की फसल बाजार में आने पर उचित दाम किसानों को मिलेगा.
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