वॉशिंगटन। बोईंग (Boeing) का विवादित स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट (Starliner Spacecraft) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के हार्मोनी मॉड्यूल (Harmony module) से अलग हो चुका है. वह रास्ते में है. धरती की तरफ लौट रहा है. सबकुछ सही रहा तो 7 सितंबर 2024 न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पे हार्बर में लैंडिंग होगी.
इस समय यह धरती के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. लैंडिंग से करीब आधे घंटे पहले नासा लाइव प्रसारण दिखाएगा. जिसे NASA+, NASA app, Youtube या एजेंसी की वेबसाइट पर देखा जा सकता है. भारतीय समयानुसार 6 सितंबर की देर रात करीब 3.30 बजे स्पेस स्टेशन से स्टारलाइनर कैप्सूल को अनडॉक किया गया. यानी उसे वहां से अलग किया जाएगा.
सुबह 8.47 बजे यह अपने ब्रेकिंग रॉकेट्स को ऑन करेगा. एक मिनट तक रॉकेट ऑन रहेगा. इसके बाद पैराशूट की मदद से न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में इसकी एयर-बैग कुशंड लैंडिंग होगी. लैंडिंग का समय करीब 10 बजे का है.
The uncrewed @Boeing #Starliner spacecraft has departed the space station undocking from the Harmony module's forward port at 6:04pm ET today. More… https://t.co/2SfoRtuiON pic.twitter.com/pp9Zua6jN7
— International Space Station (@Space_Station) September 6, 2024
लैंडिंग के बाद क्या होगा?
स्टारलाइनर की लैंडिंग के बाद नासा और बोईंग की टीम इसे वापस असेंबली यूनिट में लेकर जाएगी. वहां पर उसकी जांच की जाएगी. ये पता किया जाएगा कि आखिर किस वजह से हीलियम लीक हुआ. किस वजह से प्रोपल्शन सिस्टम में दिक्कत आई. क्यों इस स्पेसक्राफ्ट ने डॉकिंग में सुनीता और बुच को दिक्कत दी थी.
नासा ने अक्तूबर 2011 में बोईंग को स्पेसक्राफ्ट बनाने के लिए हरी झंडी दी. स्टारलाइनर बनते-बनते छह साल लग गए. 2017 में बना. 2019 तक उसके परीक्षण उड़ान होते रहे. लेकिन इन उड़ानों में कोई इंसान शामिल नहीं था. ये मानवरहित उड़ानें थीं.
पहली उड़ान में नहीं हो पाई थी स्पेस स्टेशन से डॉकिंग
पहली मानवरहित ऑर्बिटल फ्लाइट टेस्ट 20 दिसंबर 2019 को हुई. इस उड़ान में कोई इंसान नहीं था. लेकिन दो सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी की वजह से यह दूसरे ऑर्बिट में पहुंच गया. स्पेस स्टेशन से डॉकिंग हो नहीं पाई. दो दिन बाद न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में वापस लैंड हुआ.
दूसरी उड़ान में मैन्यूवरिंग और थ्रस्टर्स फेल हो गए
दूसरी मानवरहित उड़ान 6 अप्रैल 2020 को हुई. मकसद पुराने वाले उड़ान जैसा ही था. स्पेस स्टेशन तक जाना था. डॉकिंग करनी थी. इसके बाद वापस आना था. लेकिन लॉन्चिंग थोड़ी टालनी पड़ी. अगस्त 2021 में लॉन्चिंग करने की तैयारी हुई. लेकिन फिर स्पेसक्राफ्ट के 13 प्रोप्लशन वॉल्व में कुछ कमियां पाई गईं.
इसके बाद बोईंग ने पूरे स्पेसक्राफ्ट को फिर से बनाया. मई 2022 में ट्रायल उड़ान की तैयारी की गई. 19 मई 2022 को स्टारलाइनर ने फिर से उड़ान भरी. इस बार उसमें दो डमी एस्ट्रोनॉट्स बिठाए गए थे. यानी इंसानों जैसे दिखने वाले निर्जीव मॉडल. लेकिन ऑर्बिटल मैन्यूवरिंग और एटीट्यूड कंट्रोल सिस्टम थ्रस्टर्स फेल हो गए.
किसी तरह से 22 मई 2022 को स्टारलाइनर को स्पेस स्टेशन से जोड़ा गया. 25 मई 2022 को स्टारलाइनर स्पेस स्टेशन से वापस धरती पर आया. रीएंट्री के समय स्पेसक्राफ्ट से नेविगेशन सिस्टम खराब हुआ. कम्यूनिकेशन गड़बड़ा गया. साथ ही जीपीएस सैटेलाइट से कनेक्शन टूटा. लेकिन बोईंग ने कहा ये सामान्य है.
सुनीता वाली तीसरी उड़ान भी कई बार टल रही थी…
तीसरी मानवयुक्त उड़ान साल 2017 में तय की गई थी. लेकिन कई वजहों से देरी होते-होते यह जुलाई 2023 तक आ गई. 1 जून 2023 को बोईंग ने कहा कि हम इस उड़ान को टाल रहे हैं. 7 अगस्त 2023 को कंपनी ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट की सारी दिक्कतें खत्म हो चुकी हैं. अगली उड़ान 6 मई 2024 को तय की गई. यानी इस साल.
लेकिन फिर यह लॉन्चिंग टाली गई. क्योंकि एटलस रॉकेट में ऑक्सीजन वॉल्व में कुछ दिक्कत आ रही थी. इसके बाद स्पेसक्राफ्ट में हीलियम लीक होने की वजह से लॉन्चिंग टाली गई. आखिरकार 5 जून को सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विलमोर इस स्पेसक्राफ्ट को लेकर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए. 8 दिन बाद 13 जून को इन्हें वापस आना था लेकिन अब तक स्पेस स्टेशन पर ही फंसे हुए हैं.
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