नई दिल्ली: अगर कोई व्यक्ति जेल में बंद है और उसकी अस्वाभाविक मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में दिल्ली सरकार ने मुआवजा नीति का ऐलान किया है. इस नीति के तहत मरने वाले कैदी के कानूनी वारिस को ₹7.5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. खास बात यह है कि इस नीति के प्रावधानों में यह भी साफ लिखा है कि अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले जेल अधिकारियों की सैलरी से इस मुआवजे को लिया जाएगा. केजरीवाल सरकार ने यह प्रस्ताव दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दिया है. इसपर अभी उनकी मंजूरी आना बाकी है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मौजूदा वक्त में दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उनकी सरकार में गृह विभाग में मंत्री कैलाश गहलोत ने नई नीति का ऐलान किया. गलहोत ने बताया कि सरकार ने दिल्ली की जेलों में बंद कैदियों की अस्वाभाविक मौत होने पर उनके परिजनों या कानूनी वारिसों को ₹7.5 लाख का मुआवजा देने का फैसला किया है. प्रस्ताव को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है.
कैलाश गहलोत ने कहा, ‘यह निर्णय जेल प्रणाली के भीतर न्याय और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई नई नीति का हिस्सा है. इस नीति में दोषी जेल अधिकारियों के वेतन से मुआवजे की वसूली का प्रावधान भी है. यह उन सभी कैदियों के परिवारों को सहायता प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिनकी मौत अस्वाभाविक परिस्थितियों में जेल में हो जाती है. साथ ही जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है.’
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