भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के पूर्व रजिस्ट्रार (Former registrar) प्रो. राकेश सिंह राजपूत (Prof. Rakesh Singh Rajput) (आरएस राजपूत) 19 करोड़ रुपए (19.48 crore) के एफडी घोटाल (FD scam) में छह माह से फरार चल रहे थे। उनके विदेश (abroad) भागने तक की सूचना आई थी, लेकिन गुरुवार को दोपहर बाद भोपाल (Bhopal) जिला न्यायालय में सरेंडर कर दिया। कोर्ट की सूचना पर पुलिस पहुंची और गिरफ्तारी की औपचारिकता पूरी की। इसके बाद अदालत ने पूछताछ के लिए 10 सितंबर तक के लिए आरएस राजपूत को पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।
ज्ञात हो कि आरजीपीव में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में तीन दिन पहले ही पूर्व कुलपति प्रो. सुनील कुमार और पूर्व रजिस्ट्रार आरएस राजपूत के निवास सहित आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर ईडी ने सर्चिंग की थी। आरएस राजपूत अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके थे, लेकिन देश की शीर्ष अदालत ने भी अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे।
फर्जीवाड़े में यह बनाए गए थे आरोपी
आरजीपीवी में भ्रष्टाचार को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था, इसके बाद विवि केकुल सचिव द्वारा 19.48 करोड रुपये के घोटाले को लेकर गांधी नगर पुलिस को तीन मार्च को शिकायत की। इसके बाद ही उच्च शिक्षा विभाग प्रो. आरएस राजपूत को हटाया और तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने एफआईआर होने के बाद इस्तीफा दे दिया। पुलिस ने इस मामले में आरएस राजपूत तत्कालीन कुल सचिव, ऋषिकेश वर्मा वित्त नियंत्रक, प्रोफेसर सुनील कुमार अवकाश पर रहे कुलपति, लाभार्थी मयंक कुमार एवं दलित संघ सोहागपुर एवं अन्य के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज तैयार कर गबन करने का प्रकरण दर्ज किया था।
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