नई दिल्ली। अडाणी ग्रुप (Adani Group) अपने फंड के सोर्स (Sources of funds) को डायवर्सिफाई करने और जोखिम को घटाने के इरादे से अगले तीन साल की अवधि में खुदरा निवेशकों (रिटेल इन्वेस्टर्स) (Retail investors) से 30 से 40 हजार करोड़ रुपये (30 to 40 thousand crore rupees) जुटाने की योजना बना रहा है। रिटेल इन्वेस्टर्स से ये राशि नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (एनसीडी) (Non-Convertible Debentures (NCDs) द्वारा जुटाई जाएगी।
इसी योजना के तहत अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपये का अपना पहला नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर लॉन्च किया है। इस एनसीडी की अवधि 2 से 5 साल तय की गई है। कंपनी के मुताबिक इसका सालाना यील्ड 9.25 प्रतिशत से लेकर 9.90 प्रतिशत तक है। इस एनसीडी को लेकर खुदरा निवेशकों में कितना उत्साह था, इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये पहले दिन ही पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया।
अडाणी एंटरप्राइजेज के बाद ग्रुप की दूसरी कंपनियां के लिए भी इसी तरह के एनसीडी लॉन्च करने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एनसीडी के जरिए जुटाये जाने वाले पैसे से अडाणी ग्रुप को अपने वर्किंग कैपिटल के सोर्स को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलेगी। फिलहाल अडाणी ग्रुप अपने वर्किंग कैपिटल के लिए सरकारी या प्राइवेट बैंकों के कर्ज पर ही निर्भर है।
उल्लेखनीय है कि अडाणी ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों ने 31 मार्च 2024 तक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से 88 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज ले रखा था। ये कर्ज वर्किंग कैपिटल कैटेगरी के साथ ही लॉन्ग टर्म कैटेगरी के भी हैं। अडाणी ग्रुप अलग-अलग कंपनियों के एनसीडी को अलग-अलग तारीख पर लॉन्च करने की योजना पर विचार कर रही है, जिससे खुदरा निवेशकों को निवेश करने का पर्याप्त अवसर मिल सके और वे अपने निवेश के लिए आसानी से पूंजी की व्यवस्था भी कर सकें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved