नई दिल्ली: लोगों में लोन लेने का चलन तेजी से बढ़ रहा है जिस कारण देश में लोन लेने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने लोन लेने का रिकॉर्ड बना दिया है. भारत के लोगों ने अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सावधानी के साथ उधार लिया. रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा लोन लोगों ने क्रेडिट कार्ड और गोल्ड के जरिए लिए हैं जिससे पर्सनल लोन में 14 फीसदी की तेजी आई है.
बैंक लोन पर रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में पर्सनल लोन में 14.4 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके साथ ही लोन अमाउंट 55.3 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर पहुंच गई है. साल-दर-साल ग्रोथ के मामले में सबसे ज्यादा 39 फीसदी लोन गोल्ड पर लिया गया, जबकि क्रेडिट कार्ड से लोन दूसरे नंबर रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक कृषि और संबद्ध गतिविधियों में बकाया लोन में 18.1 फीसदी की तेजी देखी गई, जो कुल 21.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है. रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है. इसके मुताबिक ऐसे यूजर्स की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है जिनके पास क्रेडिट कार्ड का बकाया है. यानी इन्होंने कार्ड पर लोन लिया या उससे रकम खर्च की लेकिन बिल नहीं भरा. रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रेडिट कार्ड बकाया साल-दर-साल 22 फीसदी बढ़कर लगभग 2.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
एसबीआई सिक्योरिटीज की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय क्रेडिट कार्ड होल्डर ने इस साल जुलाई में क्रेडिट कार्ड से 1.7 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. यह रकम पिछले साल के समान महीने की तुलना में 19 फीसदी ज्यादा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लोगों ने क्रेडिट कार्ड से जुलाई में कितनी बार ट्रांजेक्शन किया. इसके मुताबिक जुलाई में कुल 38.4 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए. यह संख्या भी पिछले साल के समान महीने के मुकाबले 39 फीसदी ज्यादा है.
यूपीआई में अगस्त महीने में 41 फीसदी की वृद्धि (साल-दर-साल) के साथ रिकॉर्ड 14.96 अरब का ट्रांजेक्शन हुआ. इससे कुल लेनदेन राशि 20.61 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई. यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 31 फीसदी अधिक रही. यह जानकारी रविवार को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों से मिली है. पिछले महीने औसत दैनिक लेनदेन राशि 483 मिलियन रही, जिससे औसत दैनिक लेनदेन राशि 66,475 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. ऐसे में रिपोर्ट की मानें तो यूपीआई लेनदेन लगातार चार महीनों से 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.
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