कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की असम यूनिट के अध्यक्ष रिपुन बोरा (Ripun Bora) ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा (Resign) दे दिया और दावा किया कि इस पूर्वोत्तर राज्य के लोग टीएमसी को पश्चिम बंगाल (West Bengal) की एक क्षेत्रीय पार्टी मानते हैं और इसे अपना मानने के इच्छुक नहीं हैं। बोरा की घोषणा के बाद तृणमूल युवा कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष महबूब अली ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अली ने कहा, ”निजी कारणों से मैं असम तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा के अध्यक्ष पद के साथ-साथ पार्टी से भी इस्तीफा दे रहा हूं।”
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी को लिखे पत्र में पूर्व राज्यसभा सदस्य बोरा ने कहा कि उन्होंने पार्टी सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को असम में टीएमसी को स्वीकार्य बनाने के लिए कई सुझाव दिए थे, लेकिन उन पर कोई काम नहीं किया गया।
बोरा ने अपने त्यागपत्र में कहा, ”टीएमसी की असम इकाई में काफी संभावनाएं हैं, लेकिन बार-बार सामने आने वाले कुछ मुद्दों ने हमारी प्रगति में बाधा उत्पन्न की है, जिसमें पार्टी को पश्चिम बंगाल की एक क्षेत्रीय पार्टी के रूप में देखना भी शामिल है। इस धारणा को दूर करने के लिए हमने कई सुझाव दिए थे।”
बोरा ने दावा किया कि उन्होंने टीएमसी के राष्ट्रीय स्तर पर एक असमिया नेता को शामिल करने, कोलकाता के टॉलीगंज में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका के आवास को एक विरासत स्थल घोषित करने और कूचबिहार में मधुपुर सत्र को एक सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित करने का सुझाव दिया था।
असम के पूर्व मंत्री बोरा ने कहा, ”इन चिंताओं को दूर करने के लिए आपसे (अभिषेक) और हमारी प्रमुख ममता दीदी से मुलाकात करने के लिए पिछले डेढ़ साल से मैंने लगातार प्रयास किया, लेकिन मैं असफल रहा हूं।” बोरा ने कहा, ”इन चुनौतियों और समुचित समाधान के अभाव के मद्देनजर, मैं एक कठिन निर्णय लेने के लिए बाध्य हूं और मैंने खुद को टीएमसी से अलग करने का निर्णय लिया है।” उन्होंने कहा कि वह दो साल से अधिक समय तक टीएमसी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और इस दौरान उन्होंने राज्य भर के लोगों के साथ व्यापक स्तर पर संवाद स्थापित किया है। बोरा ने असम में टीएमसी का नेतृत्व करने का अवसर देने के लिए ममता बनर्जी के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
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