इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) में आतंकियों (Terrorists) के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि सेना (Army) को भी उनके आगे घुटने टेकने (kneeling down) के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. हाल ही में बलूचिस्तान (Balochistan) में अलगाववादियों (Separatists) ने कई बसों को रोककर आईडी कार्ड देखकर दर्जनों पंजाबी मजदूरों की हत्या कर दी थी. इस वारदात के बाद पाकिस्तान के सीमांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल और उसके 2 भाइयों को टीटीपी के आतंकियों ने किडनैप कर लिया था. अब इस अफसर की रिहाई के बदले आतंकियों ने अपने 6 साथियों की रिहाई के साथ ही 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये भी वसूल किए हैं.
सूत्रों के हवाले से मिली खबर में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल और 3 नागरिकों को छुड़ाने के एवज में पाकिस्तान की फौज को 6 टीटीपी आंतिकियों के साथ ही 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये भी फिरौती में देने पड़े हैं. गौरतलब है कि 28 अगस्त को डेरा इस्माइल खां से टीटीपी ने लेफ्टिनेंट कर्नल खालिद आमेर और उसके तीन रिश्तेदारों को अगवा कर लिया था. टीटीपी ने बाकायदा उनका एक विडियों भी जारी किया था. जिसमें वो पाकिस्तानी सेना से अपनी खैरियत बताते हुए टीटीपी की मांग को पूरा करने का अनुरोध कर रहे थे.
पाकिस्तानी सेना ने एक प्रेस रिलीज जारी करके इसकी जानकारी दी कि ले. कर्नल खालिद आमेर सहित सभी चारों लोगों को लोकल और ट्राइबल लोगों की मदद से छुड़वाया गया. लेकिन सूत्रों की मानें तो इन चार लोगों को छुड़वाने के चक्कर में पाकिस्तानी सेना को 6 टीटीपी आतंकियों को तो छोड़ना ही पड़ा, बल्कि साथ में 10 करोड़ पाकिस्तानी रुपये भी फिरौती के तौर पर चुकाने पड़े. हालांकि टीटीपी के लोग अपने 8 साथियों को काउंटर टेररिज्म पुलिस की हिरासत से छुड़वाने की मांग कर रहे थे. जिन टीटीपी आतंकियों ने इन चार लोगों को अगवा किया था, वो टीटीपी के गंदापुर गुट के थे. यह गुट टीटीपी के मुखिया नूर वली मेहसूद से जुड़ा हुआ था.
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