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    आरजेडी के विधायक का बड़ा दावा, बोले- बीजेपी में शामिल हो सकते हैं चिराग पासवान के तीन सांसद

  • August 31, 2024

    पटना । क्या रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पांच सांसदों (MP) के 2021 में टूटने के बाद बनी चिराग पासवान (chirag paswan) की लोजपा-रामविलास भी टूटने वाली है? राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक मुकेश रोशन (RJD MLA Mukesh Roshan) के दावे ने हलचल बढ़ा दी है कि चिराग के तीन सांसद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं। राजद विधायक ने कहा कि चिराग जब-जब आंख दिखाते हैं, उनका इलाज शुरू हो जाता है। रोशन ने मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तीन विधायकों के भाजपा में शामिल होने और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को तोड़ने की कोशिशों के आरोप का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सहयोगियों के साथ ऐसा ही करती है।

    चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर के पांच सांसद हैं। इसमें एक वो खुद हैं, बाकी चार सांसदों में उनके बहनोई अरुण भारती, वीणा सिंह, राजेश वर्मा और शांभवी चौधरी हैं। जाहिर तौर पर वो तीन सांसद कौन हो सकते हैं जिसका दावा आरजेडी एमएलए कर रहे हैं, इस लिस्ट से समझा जा सकता है। खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा ने कहा है कि चिराग पासवान ने उन्हें मौका दिया, उन्हें पहचान दी है, वो राजनीति में चिराग के साथ ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि लोजपा-आर एकजुट है। उन्होंने कहा कि मुद्दों पर स्टैंड लेना गलत नहीं है और वो चिराग के स्टैंड के साथ हैं।


    चिराग पासवान ने इस दावे पर कहा है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, एक ही पैंतरा बार-बार नहीं आजमाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद सफाई दे चुके हैं और सांसदों की सहमति से ही उन्हें फिर से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अफवाह से चिराग पासवान नहीं डरने वाले हैं। राजद के दावे पर समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी और वैशाली एमपी वीणा सिंह का बयान अभी तक नहीं दिखा है। शांभवी जेडीयू मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी की बेटी हैं। वीणा के पति दिनेश सिंह जेडीयू के एमएलसी हैं।

    असल में खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान ने केंद्र में मंत्री बनने के बाद से अब तक चार अहम मसलों पर सरकार का साथ नहीं दिया है. एससी-एसटी के आरक्षण में सब-कोटा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वो विरोध कर रहे हैं। लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति का भी चिराग ने विरोध किया जिसे बाद में सरकार ने रद्द कर दिया। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लोजपा-आर ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजने की वकालत की। जाति जनगणना पर भी वो विपक्ष के सुर में सुर मिला रहे हैं। एक के बाद एक कई मसलों पर अपनी सरकार के साथ खड़े नहीं नजर आए चिराग को लेकर एक राजनीतिक भ्रम पैदा हो रहा है कि लोजपा-आर किस तरफ बढ़ रही है।

    तेजस्वी यादव की अगुवाई में चल रहे बिहार के महागठबंधन में इस समय कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मुकेश सहनी की वीआईपी भी है। सहनी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौटने की अटकलें लग रही हैं। ऐसे में तेजस्वी की पार्टी लोजपा-आर को भड़काने की रणनीति पर दिख रही है। राजद विधायक के दावे का लोजपा-आर के साथ-साथ भाजपा और जेडीयू ने भी करारा जवाब दिया है। जेडीयू के नीरज कुमार ने कहा है कि आरजेडी के संपर्क में कोई नहीं है इसलिए वो बौखला रही है। नीरज ने कहा कि तेजस्वी से ज्यादा सांसद चिराग के पास हैं। भाजपा सांसद धर्मशिला गुप्ता ने रोशन के बयान को आरजेडी के राजनीतिक अकेलेपन का निशाना बताया है।

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