भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की सीमाओं और यहां की भौगोलिक स्थिति के लिहाज से जिला सीमाओं में बदलाव की तैयारी कर ली गई है। मौजूदा 55 जिलों की संख्या में दो अंकों की और बढ़ोतरी जल्दी ही हो सकती है। आगामी कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में इस प्रस्ताव पर स्वीकृति की मुहर लग सकती है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मौजूदा जिलों में और बदलाव करने के लिए तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इस बदलाव में बीना और जुन्नारदेव (Bina and Junnardev) को नए जिले की मान्यता मिल सकती है।
बताया जा रहा है कि इसके लिए आगामी कैबिनेट बैठक में सरकार फैसला ले सकती है। गौरतलब है कि जिला विस्तार कवायद में पिछले कुछ समय में रीवा संभाग में एक जिला बढ़ाया गया था। यहां रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली के बाद 5वें जिले के रूप में मऊगंज को जिले के रूप में स्थापित किया गया है। इसके बाद पांढुरना को छिंदवाड़ा से अलग कर नए जिले का स्वरूप दिया गया था। अब बनने वाले दो जिलों का असर भोपाल और जबलपुर संभाग पर पड़ेगा।
नए जिलों के गठन के लिए प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग बनाए जाने की चर्चा भी चल पड़ी है। सूत्रों का कहना है कि इस आयोग को राजनीतिक नियुक्ति के आधार पर आकार दिया जाएगा। इस आयोग में अध्यक्ष और एक सदस्य को शामिल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि राजस्व विभाग ने आयोग गठन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है। गौरतलब है कि फिलहाल मौजूद जिलों की भौगोलिक सीमाओं के कारण तहसील की सीमाएं दूर हैं, जिससे लोगों को जिला मुख्यालय से संबंधित कामों को पूरा करने में परेशानी होती है। मुख्यमंत्री संभागीय बैठकों में इस तरह के बदलाव और नए जिला गठन के संकेत पहले ही दे चुके हैं।
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