इन्दौर। शहर (Indore) की खस्ताहाल सडक़ों (bad roads) को लेकर कल जनकार्य विभाग (Public Works Department) के अफसरों की बैठक हुई थी, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ कुछ नए नियम पर भी चर्चा हुई। अब निगम (Corporation) द्वारा डामरीकरण (Asphalting) और डामर (Asphalt) की नई सडक़ बनाने के लिए उन्हीं फर्मों को काम सौंपे जाएंगे, जिनके खुद के डामर प्लांट हैं। इससे यह फायदा होगा कि सडक़ का काम समयावधि में पूरा हो सकेगा। इसके साथ ही संबंधित ठेकेदार को एक साल तक ऐसी सडक़ों का मेंटेनेंस खुद करना होगा।
शहर के सभी प्रमुख मार्गों की सडक़ों की हालत खस्ताहाल है। डामर की सडक़ हो या सीमेंट-कांक्रीट की, सभी जगह गड््ढों और बदहाल सडक़ों के कारण दुर्घटनाएं तो हो ही रही हैं, वाहन चालक और रहवासी भी परेशान हो रहे हैं। सभी मुख्य मार्गों से लेकर प्रमुख मार्गों पर अब नगर निगम बड़े पैमाने पर डामरीकरण और पेचवर्क के काम शुरू कराने जा रहा है। कल जनकार्य विभाग के अफसरों की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक महापौर पुष्यमित्र भार्गव से हुई चर्चा के बाद अब निगम द्वारा बड़े पैमाने पर सडक़ों के पेचवर्क के कार्य बारिश थमते ही शुरू कराए जाएंगे। इसके लिए निगम द्वारा चार अलग-अलग पैकेज बनाए गए हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि डामर की सडक़ों और पेचवर्क के लिए उन्हीं फर्मों को काम सौंपे जाएंगे, जिनके खुद के डामर प्लांट हैं, क्योंकि कई बार डामर सप्लाय नहीं होने के चलते काम आधा-अधूरा रहता है और संबंधित फर्में समयावधि में काम पूरे नहीं कर पातीं। इसी के चलते कल बैठक में कुछ ठेकेदारों को भी बुलाया गया था। पूरे शहरभर में 30 प्रमुख सडक़ें डामर की हैं। इसके अलावा वार्डों में भी डामर की सडक़ें हैं, जिनके भी कार्य संबंधित ठेकेदारों से कराए जाएंगे। कुछ नए नियम भी इसमें जोड़े गए हैं कि जो भी फर्म पेचवर्क अथवा डामर की नई सडक़ का निर्माण करेगी, उसे एक साल तक सडक़ों के मेंटनेंस का काम खुद संभालना होगा।
नई तकनीक से बरसते पानी में भी सीमेंटेड सडक़ों पर हो सकेगा पेचवर्क
राजस्थान की एक कंपनी ने पिछले दिनों रीगल और कई अन्य स्थानों पर खस्ताहाल सीमेंटेड सडक़ों के पेचवर्क का प्रजेन्टेशन दिया था। कुछ ही घंटों में पेवचर्क सूख गया था और वहां से वाहनों का आवागमन भी शुरू कर दिया गया था। केमिकल, सीमेंट और कुछ अन्य सामग्री से बनाए घोल की मदद से सीमेंटेड सडक़ों का पेचवर्क किया जाता है। अधिकारियों के मुताबिक कंपनी का दावा है कि बरसते पानी में भी सीमेंटेड सडक़ों पर पेचवर्क का यह कार्य किया जा सकता है। पांच साल तक पेचवर्क में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती है। इसी के चलते परसों से यह कंपनी सीमेंटेड सडक़ों पर पेचवर्क का कार्य शुरू करने वाली है। इसके लिए पहले दौर में कंपनी को एक करोड़ का ठेका दिया गया है, जिसमें कुछ चुनिंदा प्रमुख सडक़ें शामिल हैं।
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