नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली में रहने वाला मनोज राणा रिकवरी एजेंट के काम के लिए फर्म बनाई. इसका रजिस्ट्रेशन भी कराया. लेकिन यह काम नहीं चल पाया. परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया. उसी दौरान एक व्यक्ति मिला, जिसने बैंक में चालू खाता खुलवाने को कहा और इसके बदले एक फीयदी कमीशन तय हुआ. तीन दिन में एक लाख रुपये कमीशन बना. लेकिन यह खेल ज्यादा दिन तक नहीं चला और गाजियाबाद साइबर क्राइम के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने उसका पूरा राज खोल दिया.
साइबर क्राइम गाजियाबाद के अनुसार अभियुक्त मनोज राणा आई-1761 चितरंजन पार्क नई दिल्ली का रहने वाला है. उसने मस्टर इन्टरप्राइजेज के नाम से एक फर्म रिकवरी एजेन्ट के काम के लिये रजिस्टर करायी. लेकिन काम नहीं चल पाया. फिर अपने दोस्त तरुण धवन के माध्यम से अश्वनी अरोड़ा निवासी गीता कालोनी से मिला जो कि अकाउंट का काम करता था.
उसके कहने पर मनोज ने फर्म के नाम पर पीएनबी बैंक की चितरंजन पार्क शाखा में एक चालू खाता खुलवाया. उसका लिंक मोबाइल नम्बर, डेबिट कार्ड, चैक बुक तथा इन्टरनेट बैंकिंग की यूजर आईडी पासवर्ड तरुण के माध्यम से अश्वनी को दिये. इस खाते में होने वाले ट्रान्जेक्शन का 1 प्रतिशत कमीशन मनोज को मिलते थे. इस खाते में 16 से 19 फरवरी के बीच केवल 03 दिन में लगभग एक करोड रुपये की ट्रान्जेक्शन हुए. इसके बदले मनोज को एक लाख रुपये मिले.
संजय कटियार से कुल 1,37,00,000 रुपये विभिन्न खातों में क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर ट्रांसफर कराकर ठगी की गयी थी. इसकी गाजियाबाद थाना साइबर क्राइम मामला दर्ज है. पिछले माह प्रदीप कुमार , सुमित कुमार, आकिफ फरहान खान उर्फ मनन को और 14 अगस्त को अमित ककड़िया रंछोड़ को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इस मामले में मनोज की तलाश चल रही थी, उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
गाजियाबाद साइबर क्राइम ने लोगों को साइबर फ्राड से बचने के तरीके बताएं हैं, इसके अनुसार किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें. केडिट कार्ड लिमिट बढ़ाने को लेकर आने वाली कॉल पर कोई भी बैंक डिटेल एवं ओटीपी शेयर न करें. किसी भी सोशल साइट पर बिना पूर्ण जानकारी के किसी भी ग्रुप से न जुड़ें. किसी के कहने पर कोई रिमोट एक्सेस ऐप डाउनलोड न करें. किसी भी कस्टमर केयर नंबर को गूगल पर सर्च करते समय अधिकारिक वेबसाइट से ही नंबर लें.
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