नई दिल्ली: जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े सीबीआई के मामले (CBI cases related to alleged scam in excise policy) में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत मिल गई है. सीबीआई ने इसकी जानकारी दी है. जांच एजेंसी ने शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है.
सीबीआई ने आबकारी मामले में 26 जून को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. फिलहाल वो 27 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में हैं. जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ 29 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की थी. 12 अगस्त को चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में सीबीआई की ओर से बताया गया था कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उन्हें स्वीकृति नहीं मिली थी.
कोर्ट ने इसके बाद मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए टाल दी थी. अब मंजूरी मिलने के बाद अदालत केजरीवाल के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले पाएगी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाले में केजरीवाल की जमानत याचिका और सीबीआई की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है.
कोर्ट ने सीबीआई को मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी. साथ ही केजरीवाल को जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया है. केजरीवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने केवल एक याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया है. इसे गुरुवार रात आठ बजे उन्हें सौंपा गया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वो एक सप्ताह में जवाब दाखिल करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से 14 अगस्त को इनकार कर दिया था. साथ ही उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा था. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को 5 अगस्त को वैध ठहराया था. हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई यह साबित करने में सक्षम रही है कि केजरीवाल कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने का साहस जुटा सके थे. कोर्ट ने उन्हें सीबीआई के मामले में नियमित जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था.
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