लखनऊ। सोशल मीडिया (Social media) पर सिपाही भर्ती परीक्षा (constable recruitment exam) के पेपर लीक (paper leak) होने की अफवाह (rumour) फैलाने वालों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। टेलीग्राम चैनल पर इस तरह के मैसेज प्रसारित करने वालों पर पुलिस भर्ती बोर्ड ने हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
वहीं, भर्ती को लेकर एक्स पर असत्य और अपमानजनक पोस्ट पर सपा के पूर्व मंत्री यासर शाह को भी आरोपी बनाया गया है। साइबर सेल की टीम व एसटीएफ को जांच में लगाया गया है। भर्ती बोर्ड मीडिया सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर सतेंद्र कुमार की तहरीर पर दर्ज केस में बताया गया है कि कुछ शरारती तत्व सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की अफवाह फैला रहे हैं। अभ्यर्थियों को धोखा देकर उनसे ठगी की कोशिश कर रहे हैं।
टेलीग्राम पर चल रहे चैनल @upp paper leak 2024, @VENOM व PROOF OF STUDENT के अलावा आदित्य तोमर के टेलीग्राम अकाउंट के जरिये फर्जी प्रश्नों को वायरल कर क्यूआर कोड भेजकर रुपयों की मांग की जा रही है। कई अन्य टेलीग्राम अकाउंट से भी यह फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए केस दर्ज कर टीमों को मामले की तफ्तीश में लगाया है।
यूपीआई आईडी वालों पर शिकंजा
फर्जी पेपर लीक भेजकर जिनकी यूपीआई आईडी रुपये लेने के लिए भेजी गई है, उनको भी केस में आरोपी बनाया गया है। इसमें शोएब नबी सोफी, हरीश कुमार भगत, मनु कुमार, कपिल और सिद्घार्थ गुप्ता शामिल हैं। डिलाइट इंटरप्राइजेज फर्म का भी क्यूआर कोड शेयर किया गया है। बैंक डिटेल की मदद से पुलिस इन सभी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
पूर्व मंत्री पर गंभीर आरोप
एफआईआर के मुताबिक सपा के पूर्व मंत्री यासर शाह ने अपने एक्स अकाउंट @yasarshah_sp से भर्ती पेपर लीक होने का असत्य व अपमानजनक पोस्ट किया है। एफआईआर में ये भी दावा किया गया है कि अन्य आरोपियों की तरह यासर शाह ने भी अलग-अलग ग्रुप व अकाउंट बनाए हैं। क्यूआर कोड भेजकर धन उगाही करने व शासन की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस ने सतर्क रहने की अपील की
पुलिस अफसरों ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। बिना किसी संदेह के परीक्षा में शामिल हों। अगर कोई भी शख्स उनसे पेपर लीक आदि की बात कहकर संपर्क कर रकम मांगे तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस, एसटीएफ समेत कई एजेंसियां लगाई गई हैं। सोशल मीडिया की भी निगरानी की जा रही है जिससे अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जा सके।
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