- अचानक पानी बढऩे से घाटों पर भी मचती है भगदड़-बगैर सूचना के इंदौर से उज्जैन की ओर छोड़ रहे हैं पानी
उज्जैन। एक बार फिर शिप्रा नदी का पानी अचानक बढ़ गया। नदी के घाट डूबने के साथ ही चक्रतीर्थ पर जलती चिता को छोड़कर लोगों को भागना पड़ा। शिप्रा नदी में एक बार फिर अचानक पानी बढ़ गया। इंदौर में दो दिन से हो रही बारिश की वजह से उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार दोपहर 12.30 बजे पानी चक्रर्तीर्थ श्मशान घाट तक पहुंच गया। घुटनों तक पानी भरने से यहाँ जलती चिता आधी डूब गई। क्रियाकर्म कर रहे लोगों को शव छोड़कर पानी से बाहर होना पड़ा। लोगों के मुताबिक जब वे अंतिम संस्कार करने के लिए आए, तब जलस्तर बहुत कम था।
क्रियाएं शुरू ही की थीं, चिता जलने के कुछ देर बाद ही अचानक से बाढ़ आ गई। नदी का पानी श्मशान घाट तक आ गया। इस वजह से पीछे हटना पड़ा। हालांकि, कुछ लोग आगे बढ़े और जैसे-तैसे दाह संस्कार की प्रक्रिया तेजी से पूरी की। इंदौर-उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों में आपसी सामंजस्य की कमी होने से ऐसे हालात बन रहे हैं जिसके कारण बड़ी घटना भी हो सकती है। कुछ दिन पहले भी अचानक रामघाट पर शिप्रा का पानी बढ़ा और नदी के अंदर कार और दो पहिया वाहन तैरने लगे थे। लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई थी। इस मामले में नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा, पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी) और जल संसाधन विभाग को पता नहीं था क्या कि इंदौर में दो दिन से पानी गिर रहा है। इसलिए इन्हें इंतजाम करना चाहिए। रोजाना हजारों लोग शिप्रा में स्नान करते हैं। पानी बढऩे से लोग परेशान होते रहे। घुटने तक पानी बढ़ गया, लेकिन किसी को खबर ही नहीं। इंदौर और उज्जैन के अधिकारियों में सामंजस्य होना चाहिए। इंदौर की कान्ह नदी का पानी उज्जैन आकर शिप्रा नदी में त्रिवेणी घाट के पास मिलता है। कान्ह नदी 21 किलोमीटर लंबी है। इंदौर में मंगलवार से बारिश हो रही है। बुधवार सुबह 11 बजे बाद इंदौर शहर के पूर्वी और मध्य इलाके में तेज बारिश हुई।